L19 DESK : कोलकाता कैश कांड में फंसे झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार और व्यवसायी अमित अग्रवाल के डिस्चार्ज पीटीशन को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इससे मनी लाउंड्रिंग में फंसे अमित अग्रवाल और तथाकथित लेन देन के आरोपी अधिवक्ता राजीव कुमार की मुश्किलें और बढ़ गयी हैं। कोलकाता में कारोबारी अमित अग्रवाल की शिकायत पर 31 जुलाई 2022 को अधिवक्ता राजीव कुमार को 50 लाख रुपये नगद के साथ गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी झारखंड हाईकोर्ट में शिव शंकर शर्मा की ओर से दर्ज कराये गये जनहित याचिका को मैनेज करने के लिए कथित रूप से पैसे के लेन-देन के बाद की गयी थी। रांची ईडी की विशेष अदालत ने 27 मार्च को डिस्चार्ज याचिका पर दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
ईडी की ओर से अधिवक्ता शिव प्रसाद ने बहस की थी। एडवोकेट राजीव कुमार का पक्ष अधिवक्ता शंभू अग्रवाल ने रखा था। वहीं व्यवसायी अमित अग्रवाल की ओर से अधिवक्ता विद्युत चौरसिया ने बहस की थी।इडी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पी के शर्मा की कोर्ट ने गुरुवार की सुबह डिस्चार्ज याचिका पर अपना फैसला सुना दिया। डिस्चार्ज याचिका खारिज होने के बाद अब कोर्ट दोनों के खिलाफ चार्ज फ्रेम (आरोप गठन) की प्रक्रिया शुरू होगी। कारोबारी अमित अग्रवाल पर जनहित याचिका मैनेज करने के लिए पैसे देने के आरोपी हैं। वहीं झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार भी इस केस में आरोपी हैं। उन पर कैश लेकर पीआइएल मैनेज करने का आरोप है। अधिवक्ता राजीव कुमार को पिछले साल कोलकाता पुलिस ने करीब 50 लाख कैश के साथ गिरफ्तार किया था। ये पैसे व्यवसायी अमित अग्रवाल के थे। इस पूरे मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम कर रही है। ईडी ने अमित अग्रवाल को गिरफ्तार किया था।