झारखंड राज्य को अलग हुए 25 साल होने को हैं, लेकिन इस 25 साल के दौरान ऐसा महज दूसरी बार होगा जब झारखंड विधानसभा में किसी निर्दलीय विधायक की आवाज नहीं गुंजेगी. दरअसल, अलग राज्य गठन के बाद कई बार विधानसभा के चुनाव हुए. लेकिन दो बार को छोड़कर हर बार जनता ने किसी ना किसी निर्दलीय विधायक चुनकर विधानसभा भेजा है, जनता ने पहली बार साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में किसी निर्दलीय पर भरोसा नहीं जताया था और इस बार यानी साल 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में भी कोई निर्दलीय प्रत्याशी जनता का भरोसा नहीं जीत सका है.
हालांकि, ऐसा नहीं है कि इस बार हुए विधानसभा चुनाव में कोई निर्दलीय प्रत्याशी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज नहीं करा सका. कई सीटें ऐसी हैं जहां निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई लेकिन उन्हें जीत हासिल नहीं हुआ. पांकी विधानसभा सीट से निर्दलीय मैदान में उतरे देवेंद्र कुमार सिंह उर्फ बिट्टू सिंह ने भाजपा प्रत्याशी कुशवाहा शशि भूषण मेहता को कड़ी टक्कर जरूर दी लेकिन अंतत: जीत भाजपा प्रत्याशी की ही हुई. इस सीट पर निर्दलीय प्रतयाशी को जनता ने 66 हजार 195 वोट दिए. वहीं, भाजपा प्रत्याशी को कुल 75 हजार 991 वोट प्राप्त हुए. भाजपा प्रत्याशी ने निर्दलीय उम्ममीदवार देवेंद्र कुमार सिंह को 9796 वोट से पराजीत किया.
वहीं, कोडरमा विधानसभा सीट से निर्दलीय मैदान में उतरी शालिनी गुप्ता पर भी लोगों ने भरोसा जताया, पर यह भरोसा उतना नहीं हो पाया कि उन्हें विधानसभा तक पहुंचा दे. शालिनी को कुल 69 हजार 537 वोट मिले और वो तीसरे स्थान पर रहीं. इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी डॉ. नीरा यादव पर लोगों ने एक बार फिर भरोसा जताया. वहीं, दूसरे नंबर पर इंडिया गठबंधन की ओर से आरजेडी के प्रत्याशी सुभाष प्रसाद यादव रहे. इन दो सीटों को छोड़ दें तो इसके अलावा राज्य के बाकी बचे 79 सीटों में से किसी भी सीट पर लोगों ने निर्दलीय प्रत्याशियों पर भरोसा नहीं जताया.
खैर, चलिए अब हम आपको पार्टी दर पार्टी बताते हैं कि किस पार्टी के कितने विधायक इस बार सदन में पहुंचे हैं. शुरुआत सत्तारुढ़ इंडिया गठबंधन के जेएमएम यानी झारखंड मुक्ति मोर्चा से करते हैं, इस बार JMM ने कुल 34 सीटों पर जीत हासिल की है. वहीं कांग्रेस को 16, RJD को 4 और CPM के खाते में 2 सीटें आई हैं. उधर महाराष्ट्र में शानदार प्रदर्शन करने वाली बीजेपी के लिए झारखंड के नतीजे निराशाजनक रहे हैं, पार्टी ने यहां 20 सीटों पर जीत हासिल की है, वहीं बीजेपी गठबंधन के सहयोगी JDU-AJSU और LJPRV ने एक-एक सीट जीती हैं.
वहीं, अगर बात साल 2019 में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव नतीजों की करें तो उस समय राज्य की जनता ने दो निर्दलीय विधायकों पर अपना भरोसा जताया था. जमशेदपुर पूर्वी से तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराकर विधानसभा पहुंचने वाले सरयू राय पर और भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर नाराज होकर बरक्टठा विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले अमित कुमार यादव पर जनता ने अपना भरोसा जताया था. वहीं, इस साल हुए झारखंड विधानसभा चुनाव के अलावा साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में जनता ने किसी निर्दलीय उम्मीदवार पर भरोसा नहीं जताया था. खैर, इस बार इंडिया गठबंधन और एनडीए गठबंधन से उतर जनता ने जेएलकेएम के केंद्रीय अध्यक्ष जयराम महतो को डुमरी विधानसभा से चुनकर भेजा है, देखने वाली बात होगी कि जयराम का पूरे कार्यकाल के दौरान किस ओर रुख ज्यादा रहता है. खैर, इस वीडियो पर आपकी क्या राय है हमें जरूर बताएं. धन्यवाद