L19/Hazaribag : हजारीबाग के पेलावल इलाक में दो समुदायों के बीच तनाव और पत्थरबाजी में बजरंग दल के 10 कार्यकर्ता जख्मी हो गए हैं। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस ने सोमवार को बताया कि बजरंग दल के यह सभी कार्यकर्ता रांची में आयोजित ‘शौर्य जागरण यात्रा’ कार्यक्रम में शामिल होकर हजारीबाग लौट रहे थे तब ही इनकी बस पर पत्थर बरसाए गए थे। पुलिस ने बताया कि यह घटना एक मस्जिद के नजदीक हुई है।
बाबूलाल मरांडी ने किया ट्वीट
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर हेमंत सरकार को घेरा और कहा की हज़ारीबाग में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं पर जो हमला हुआ है उसकी जितनी भी निंदा की जाये कम है… तुष्टिकरण की राजनीति में डूबी हेमंत सरकार में एक ख़ास समुदाय के गुंडों को गुंडागर्दी करने की खुली छूट मिल चुकी है…अभी तक राँची में हुए उत्पात में कोई गिरिफ़्तारी नहीं हुई है और अब हज़ारीबाग़ में ये हमला हो गया… झारखंड पुलिस जल्द से जल्द हमलावरों को गिरिफ़्तार करके क़ानून का राज स्थापित करे!
यहाँ देखें ट्वीट : https://x.com/yourBabulal/status/1711247369059360874?s=20
पत्थरबाजी की घटना रविवार की रात 8 बजकर 45 मिनट पर हुई। हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक मनोजर रत्न छोटे ने बताया कि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है लेकिन दो ही ग्रुप के बदमाश इस घटना में शामिल हैं। इन सभी की पहचान की जाएगी और जो लोग भी इसमें शामिल हैं उनकी पहचान कर उनपर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधीक्षक ने जांच के आधार पर ही गिरफ्तारी की जाएगी। जिस समुदाय के लोगों पर पत्थर बरसाने का आरोप है उनका कहना है कि वो बस मस्जिद के सामने रोकी गई थी। इसके बाद बस में सवार यात्री जय श्री राम का नारा लगाने लगे और दूसरे धर्म के प्रति आपत्तिजनत नारे भी लगाए। इस बस के यात्री हजारीबाग से करीब 30 किलोमीटर दूर से वापस लौट रहे थे।
गड़बड़ी पैदा करने वालों की पहचान होगी और उनपर ऐक्शन लिया जाएगा। प्रशासन इस तरह की घटनाएं बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। विश्व हिंदू परिषद के युवा विंग बजरंग दल ने रविवार को चार शौर्य जागरण यात्राएं निकाली थीं। यह यात्राएं अगले साल जनवरी में अयोध्या में राममंदिर के उद्घाटन से पहले पूजा-पाठ को लेकर निकाली गई थीं। इस यात्रा में विश्व हिंदू परिषद औऱ बजरंग दल के हजारों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया था। पुलिस ने दावा किया है कि हंगामे की बीच पुलिस समय पर पहुंच गई जिसकी वजह से कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि बस को स्कॉट कर कटकामसांदी पहुंचाया गया। जो लोग कानून-व्यवस्था को हाथ में लेना चाह रहे थे उन्हें पीछे धकेल दिया गया।