L19/Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कल्याण विभाग और प्रझा फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में पांच सौ नर्सिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं को नियुक्ति पत्र सौंपा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के जनजातीय, आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के बच्चों को स्वावलंबी बनाने के लिए प्रेझा फाउंडेशन की तरफ से योजनाएं चलायी जा रही हैं। उन्होंने घोषणा की कि तीन सौ करोड़ की लागत से प्रेझा फाउंडेशन की मदद से खूंटी में कौशल विकास कालेज खोला जा रहा है। लगभग 30 हजार बच्चे, बच्चियों को फाउंडेशन की तरफ से प्रशिक्षण दिया गया है। झारखंड में गरीबी व्यापक पैमाने पर है। जब हमने इस राज्य की बागडोर संभाली, उसी समय से हमारी ये सोंच थी कि इस राज्य के हरेक घर की आर्थिक आमदनी को बढ़ाया जाये। इसका रास्ता निकाला जाये।
कोरोना के वैश्विक महामारी में राज्य के कई युवा और नागरिक झारखंड से बाहर थे। 15 लाख से अधिक झारखंडी दूसरे राज्यों में रोजगार की तलाश में बाहर थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छी आमदनी के लिए, अच्छे काम के लिए अलग-अलग राज्यों में झारखंड के युवा और लोग जाते हैं। उन्होंने कहा कि मेरा यह मानना है कि मनुष्य को दो पैर मिला है, वह चलने के लिए मिला है। अगर यह पैर चलना बंद हो जाये, तो आपका, आपके राज्य का और देश का विकास थम जायेगा। इन पैरों के चलने से ही अर्थ व्यवस्था का पहिया घुमेगा। भगवान ने इसलिए हमें दो पैर, दो हाथ, दो कान, दो आंख दिये हैं। इसका हमें उपयोग करना चाहिए। इसका यदि हम उपयोग नहीं करते हैं, तो मनुष्य जानवर की श्रेणी में आ जायेगा।
यही मेरा फोकस रहा है कि अर्थ व्यवस्था को कैसे गति दी जाये। नौजवानों को कौन सा हुनर दिया जाये, जिससे वे काम करके आमदनी बढ़ा सकें और रोजगार कर सकें। हमलोगों ने अलग-अलग वर्गों, अलग अलग क्षेत्रों में अलग-अलग जगहों से नौजवान और युवा पीढ़ी के लिए कार्ययोजना बनायी। कार्ययोजना तैयार की। इसको लेकर बड़े पैमाने पर कई सहयोगियों को अपने साथ जोड़ा, जिसमें प्रेझा फाउंडेशन भी है। कोरोना काल में सरकार और फाउंडेशन ने मिल कर काम किया। उस समय भी आइसीएमआर का टेस्टिंग लैब स्थापित करने की हमने कोशिशें की। बर्ड फ्लू और अन्य संक्रमण की तरह कोरोना में कई लोगो की जानें चली गयी। हमने अपने मजदूरों को दूसरे राज्यों से लाकर उनके घरों तक पहुंचाया।
उन्हें स्वस्थ करने की कोशिश की गयी। राज्य के सभी क्षेत्रों में सहयोग मिला। महिला समूह की दीदियों का सहयोग मिला। पूरे राज्य में महिला दीदियों के सहयोग से प्रखंडों तक लोगों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया। उन्होंने कहा कि झारखंड में अब लड़के भी नर्सिंग का कोर्स कर सकेंगे। लड़के भी नर्सिंग का कोर्स कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि मरीजों की बेहतर सुविधाएं देने के लिए हमने एयर एंबुलेंस की सेवा शुरू की। चेन्नई के अपोलो समूह को भव्य अस्पताल बनाने के लिए जमीन दी है। अजीम प्रमजी फाउंडेश्न को मेडिकल कालेज बनाने के लिए जमीन दी। प्रेझा फाउंडेशन के अधिकारी रेटिंग समय पर दें। उन्होंने कहा कि स्थानीय संस्थानों में 75 फीसदी स्थानीय लोगों को रोजगार दें, जिनकी सैलरी कम से कम 40 हजार रुपये होनी चाहिए।
चाईबासा के टोंटो, गुदड़ी गांव में चार बजे के बाद लोग सड़क पर नहीं दिखते हैं। अब पंचायत स्तर पर भी दवा की दुकानें खुलेंगी। दवा दुकानों के लिए फार्मेसी की डिग्री की जरूरत है। अब तो दवा की दुकान खोलने के लिए 10वीं से 12वीं उत्तीर्ण बच्चे भी खोल सकते हैं। जो पढ़ लिख सकते हैं, उसे भी दवा दुकान खोलने का मौका दिया जायेगा। सरकार ने यह फैसला लिया है। सरकार मेडिकल सर्किट भी बनायेगी। ऑनलाइन व्यवस्था के तहत गांवों में दवा दुकान चलानेवालों को डॉक्टरों की परामर्श दी जायेगी। तीन सौ करोड़ की लागत से प्रेझा फाउंडेशन की मदद से कौशल विकास कालेज खोला जा रहा है। घरों का प्लास्टर भी अब मशीनें करने लगी हैं। अब हमारे मजदूरों को मशीनों से प्लास्टर करने की दक्षता हासिल करनी होगी।
हमारे बच्चों को रोबोट चलाने के लिए स्किल्ड होना होगा। इस राज्य में ट्रांसफारमर रीपेयर करने की दुकानें नहीं हैं। राज्य भर में ट्रांसफारमर रीपेयर करने के संस्थान खोलने की आवश्यकता है। सांप काटने से लोगों की जान चली जाती है। दुनिया भर की दुकानों में सांप काटने की दवा एक्सपायरी हो जा रही हैं। लोगों की जरूरत को हम पूरा नहीं कर पा रहे हैं। पंचायत स्तर पर दवाईयां उपलब्ध करा रहे हैं। हमारे राज्य में 70 हजार डॉक्टर पैदा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश भर में हमें 10 से 15 लाख डॉक्टर बनाना है। हर वर्ष 15 लाख इंजीनियर बन रहे हैं। हमें कई मुकामों को हासिल करना है। कार्यक्रम में कल्याण मंत्री चंपाई सोरेन, प्रेझा फाउंडेशन के निदेशक सहित गृह सचिव, मुख्यमंत्री के सचिव तथा अन्य विशेष रूप से मौजूद थे।