L19/Dhanbad : धनबाद की एक अदालत ने 29 साल बाद 10 साल के छात्र हत्याकांड मामले में फैसाल सुनाया है। मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा दी। पिछली सुनवाई में आरोपी को कोर्ट ने दोषी करार दिया था। धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुजीत कुमार सिंह की अदालत में चिरकुंडा निवासी मुस्ताक अंसारी उर्फ मुन्ना मियां को हत्याकांड का आरोपी बताया था, गुरूवार 24 जून को सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा दी।
झरिया का रहने वाला दस वर्षीय शाहनवाज इंडियन स्कूल ऑफ लर्ननिंग झरिया में पढ़ता था। वह 12 मार्च 1994 को स्कूल गया था, स्कूल छुट्टी होने के बाद जब वह घर वापस लौट रहा था उसी वक्त मुन्ना उर्फ मुस्ताक और आफताब ने शाहनवाज को अगवा कर लिया। अगवा किये गये बच्चे को एंबेसडर कार में बिठाकर चिरकुंडा स्थित दामोदर नदी के पास जाकर उसकी हत्या कर दी गयी थी। मृतक के पिता शराफत हुसैन ने झरिया थाना में मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पिता ने शिकायत में कहा था कि हत्या के पहले आरोपी के द्वारा उनसे 50 हजार की रंगदारी की मांग की जा रही थी। वहीं जब उसे रंगदारी नहीं दी गई तो उसने शहनवाज का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी।
वहीं 29 साल बाद बेटे के हत्या मामले में कोर्ट के फैसले के बाद मृत शाहनवाज के भाई मोहम्मद इंतकाब ने कहा कि देर से ही सही लेकिन अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। मेरा भाई अब इस दुनिया में नहीं है। लेकिन अदालत के फैसले का हम बेहद सम्मान करते हैं। हमें खुशी है कि दोषी को सजा हुई है।