L19 Ranchi : लोक आस्था का महापर्व छठ शुक्रवार 17 नवंबर से नहाय-खाय के साथ शुरू हो जाएगा। इस पर्व को लेकर छठ व्रतियों में काफी उत्साह है। वहीं बात करें तैयारियों की तो लोक आस्था के इस महापर्व को लेकर तैयारियां अब अंतिम चरण में है। छठ घाटों, तालाबों और जलाशयों की साफ-सफाई का कार्य भी अब लगभग पूरे हो गए हैं। बाजार भी सजकर तैयार है जिसमें छठ व्रती पूजा सामाग्रियों की खरीदारी के लिए बाजार पहुंच रहे हैं।
चार दिवसीय महापर्व छठ को लेकर जिला पुलिस और प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। आस्था के महापर्व को सफल बनाने और त्यौहार के दौरान किसी तरह की कोई हताहत खबर सामने ना आए इसे लेकर प्रशासन पूरी से तैयारी में जुटा है। आपको बता दें, राजधानी में सभी छठ घाटों की तैयारियां अंतिम चरण में है। शहर में स्थित सभी तालाबों और जलाशयों को पूरी तरह से साफ किया जा रहा है ताकि छठ व्रतियों को किसी तरह की कोई परेशानियों का सामना करना ना पड़े। सभी छठ घाटों पर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है।
कई तालाबों का पानी साफ लेकिन रंग हरा
शहर में कुल 72 घाट के साथ कुल 100 छठ घाट हैं। इसके साथ ही छठ व्रतियों के लिए शहर के अलग-अलग मुहल्लों और कॉलोनियों में 50 से अधिक कृत्रिम तालाब बनाए जा रहे हैं। छठ व्रतियों को इस बार राजभवन के सामने स्थित हटनिया तालाब और हटिया डैम में सबसे साफ पानी मिलेगा। हालांकि शहर में स्थित सभी तालाबों को निगम की तरफ से स्वच्छ किए जा रहे हैं। शहर में कई तालाबें हैं जिन्हें साफ तो किया गया है लेकिन उन तालाबों के पानी का रंग अब भी हरा है। हालांकि पानी को सामान्य करने के लिए उसमें ब्लीचिंग पाउडर और चूना डाला जा रहा है।
सीढ़ियों से नीचे इन छठ घाटों में हैं गहराई
वहीं बात करें शहर के सबड़े बड़े तालाब की तो यहां भी साफ सफाई की गई है लेकिन यहां सीढ़ियों के नीचे काफी गहरा गड्ढा है। इसके साथ ही चडरी तालाब, कांके डैम में भी सीढ़ी से नीचे गहराई अधिक है। इसलिए इन छठ घाटों को खतरनाक श्रेणियों में रखा गया है। चूंकि इन छठ घाटों का क्षेत्र बड़ा है इसलिए यहां छठ व्रतियों की भीड़ अधिक इकट्ठी होती है। इसलिए इन छठ घाटों में प्रशासन की तरफ से सीढ़ियों के नीचे गहराई से ठीक पहले ही बैरिकेडिंग कराई जा रही हैं। जिससे कि छठ व्रती पूजा के दौरान गहराई में ना चले जाएं और किसी बड़ी घटना को होने से रोका जा सकें।
महिलाओं के लिए चेंजिंग रुम बनाने के दिए गए निर्देश
हालांकि राज्य में इस बार मानसून की बारिश कम और तालाब को कंक्रीट से घेरने की वजह से तालाबों का पानी अपने-आप ही कम हो गया है या तो सूख गया है। शहर का एक ऐसा ही नायक तालाब है जहां पानी हैं ही नहीं जिसके कारण इन इलाके के छठ व्रतियों के चेहरे पर मायूसी छा गई है मगर इस क्षेत्र के लोगों ने एक नया जुगाड़ लगाया है। वे इस तालाब में रोज दिन मोटर चलाकर बोरवेल के जरिए पानी भरने का काम कर रहे हैं ताकि छठ व्रती आराम से भास्कर देवता की पूजा-अर्चना कर सकें। वहीं जिला निगम प्रशासक ने सभी छठ घाटों और वहां तक पहुंचने वाले सभी मार्गों को दुरूस्त करने के निर्देश दे दिए है। इसके अलावे उन्होंने महिला छठ व्रतियों के लिए ड्रेस चेंज करने के लिए भी रूम बनाने के निर्देश दिए है।
भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा के किए जाएंगे पुख्ता इंतजाम
महापर्व छठ को लेकर निगम ने कंट्रोल रूम बनाया है वहीं शहर भर के अलग-अलग छठ घाटों में करीब 100 से अधिक मजिस्ट्रेट और 1500 से अधिक पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाएगी। वहीं इस दौरान महिला पुलिसकर्मी सादे लिबास पर विभिन्न छठ घाटों पर तैनात रहेंगी।
जानें कहां-कहां है पार्किंग की व्यवस्था
इस बार छठ में पार्किंग को लेकर भी प्रशासन ने अपनी ओर से तैयारियां कर ली है। प्रशासन के मुताबिक इस बार वाहनों को छठ घाटों के तक जाने से रोका जाएगा। बता दें, पूजा समितियों ने प्रशासन से मांग की थी कि वाहनों को छठ घाटों तक पहुंचने से पहले ही रोका जाए। इसपर प्रशासन ने वाहनों के लिए छठ घाटों तक पहुंचने से पहले पार्किंग बनाने का निर्देश दिया है। इसके अलावे कई ऐसे छठ घाट भी है जहां पर व्रतियों को छठ घाट से करीब 200 से 500 मीटर की दूरी पर ही वाहनों की पार्किंग के बाद छाठ घाटों तक पैदल जाना होगा।
कांके डैम में जाने वाले व्रती कांके रोड और डैम के साइड वाले पीछे भाग में वाहनों को पार्क करके घाटों तक जा पाएंगे। धुर्वा डैम फाटक सामने वाले भाग सूर्य देवता को अर्घ्य देने वाले व्रतियों को डैम से 100 मीटर पहले की वाहनों को पार्क करना होगा। जुमार नदी की तरफ जाने वाले श्रद्धालु जुमार नदी के पुल से पहले सड़क के दोनों किनारे पर खाली जगहों पर वाहनों को पार्क करके वे घाट तक जा सकेंगे। धुर्वा में पुराना विधानसभा परिसर से आगे शालीमार तालाब एक ऐसा एकलौता तालाब है जहां पर एक दर्जन तालाब पास पास हैं। इन तालाबों में मत्स्य पालन होता है जिसका पानी साफ है। इसलिए यहां पर व्रतियों की अधिक भीड़ हमेशा से उमड़ती है। यहां के तालाबों में आने वाले छठ व्रतियों को अपने वाहनों को शहीत मैदान पर पार्क करना होगा