L19/Ranchi : झारखंड में इन दिनों आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है। स्थिति यह है कि पुलिस प्रशासन के कई अधिकारी अतिरिक्त प्रभार के बोझ तले दबे हुए हैं। वहीं आईएएस का पद रिक्त होने से वेतन पर संकट होने लगा है। आंकड़ों में अधिकारियों की कमी देखें तो आईएएस-आईपीएस को मिला कर राज्य में 373 पद सृजित हैं।
इनमें से 118 पद खाली है। ऐसा आईएएस और आईपीएस दोनों में है। आईपीएस के 36 और आईएएस के 82 पद खाली। ऐसा इसलिए है कि राज्य के बड़ी संख्या में आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की केंद्र में तैनाती हो गयी है। इन दिनों राज्य के 18 सीनियर आईएएस और 22 आईपीएस केंद्र में सेवा दे रहे हैं।
149 में 113 आईपीएस ही कार्यरत है
राज्य में 149 आईपीएस के पद हैं। इनमें से 113 ही कार्यरत हैं। इनमें से 22 आईपीएस केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए हुए हैं। ये अधिकारी एसपी से डीजी स्तर पद पर हैं। संख्या बल कम होने से काम पर असर होने लगा है। स्थिति यह है कि कई अहम पद खाली चल रहे हैं तो कई प्रभार भरोसे कार्य हो रहे हैं।
राज्य में आइपीएस की नियुक्ति के गणित को देखें तो आईपीएस अधिकारियों के लिए कुल पद 149 हैं। सीधी बहाली से आए आईपीएस के कुल 104 हैं। जिसमें 93 आईपीएस सेवा दे रहे हैं। वहीं प्रमोशन से भरे जाने वाले आईपीएस के कुल पद 45 हैं।
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले आईपीएस
एसएन प्रधान, अजय कुमार भटनागर, मानविंदर सिंह भाटिया, संपत्त मीणा, नवीन कुमार सिंह, बलजीत सिंह, आशीष बत्रा, मनोज कौशिक, साकेत कुमार सिंह, कुलदीप द्विवेदी, अभिषेक, अनूप टी मैथ्यू, क्रांति कुमार गडिदेशी, माइकल राज एस, राकेश बंसल, पी मुरूगन, जया राय, अंशुमन कुमार, प्रशांत आनंद, हरिलाल चौहान, प्रियंका मीणा एवं विनीत कुमार।
224 आईएएस में 142 ही कार्यरत है
राज्य में देखे तो प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भी नहीं है। कई सीनियर अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा चुके हैं। राज्य में सीनियर लेबल के चार अधिकारी ही हैं। जिसमें से अजय कुमार सिंह ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति का आवेदन दे रखा है। अगर इन्हें भी केंद्रीय नियुक्ति पर भेज दिया जाता है तो सीनियर आईएएस के नाम पर वंदना डाडेल, डॉ नितिन मदन कुलकर्णी और राजीव अरुण एक्का ही रह जाएंगे।
अब आंकड़े में देखें तो राज्य में आईएएस के 224 पद हैं। जिनमें केवल 142 अधिकारी ही कार्यरत हैं। कुल पदों में से 122 पद सीनियर आईएएस के हैं। नियमानुसार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर झारखंड से अधिकतम 48 अधिकारी ही जा सकते हैं।
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले आईएएस
एनएन सिन्हा, आइएस चतुर्वेदी, अलका तिवारी, एमएस भाटिया, एसकेजी रहाटे, शैलेश कुमार सिंह, निधि खरे, सुरेंद्र सिंह मीणा, सत्येंद्र सिंह, सुनील वर्णवाल, हर्ष मंगला, राय महिमापत रे, शांतनु अग्रहरि, राहुल शर्मा, ए मुत्थुकुमार, केके सोन, आराधना पटनायक एवं हिमानी पांडेय।
सीएम हेमंत सोरेन ने पीएम को लिख चुके हैं पत्र
अधिकारियों के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से राज्य के कामकाज में काफी असर होने लगा है। पुलिस विभाग में जहां स्पेशल ब्रांच जैसे पद प्रभार पर संचालित हो रहे हैं, वहीं आईएएस अधिकारियों के नहीं रहने से कर्मचारियों को वेतन तक मिलने में परेशानी हो रही है। ऐसे में सीएम हेमंत सोरेन आईएएस (कैडर) रूल्स, 1954 में प्रस्तावित संशोधनों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं। जिसमें उन्होंने अखिल भारतीय सेवा से जुड़े अधिकारियों को बिना राज्यों की सहमति और एनओसी लिए पदस्थापित करने का विरोध किया था।