L19/DESK : झारखण्ड के पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन की ओर से खैरबनी में प्रस्तावित कचरा प्लांट के लिए सोमवार को जमीन मापी करने पहुंची टीम को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा,जिसके कारण टीम को वापस लौटना पड़ा। कचरा प्लांट के इस परियोजना का लंबे समय से विरोध कर रहे माझी परगना महाल, धाड़ दिशोम की ओर से दोपहर में बिष्टुपुर निर्मल गेस्ट हाउस में प्रेस कॉफ्रेंस का आयोजन किया गया था। जब बैठक हो रही थी,ठीक उसी समय प्रशासनिक की टीम अमला खैरबनी गांव पहुंची।
इधर एसडीओ ने ग्रामीणों को काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीणों ने उनकी एक नहीं सुनी। जैसे ही प्रशासन की टीम उक्त स्थान पर पहुंची,ग्रामीण उनको देकर ग्रामीण उग्र हो गये और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि खैरबनी में कचरा प्लांट और मनपिटा में हेवी व्हीकल मोटर ट्रेनिंग सेंटर खोजने की योजना पर प्रशासन ने ग्राम सभा की सहमति नहीं ली। इन योजनाओं से गांव की सभ्यता और संस्कृति पर प्रतिकूल असर पड़ेगा,लिहाजा इसको बनने नहीं दिया जायेगा।पूर्वी सिंहभूम के देश परगना बैजू मुर्मू ने कहा कि हमारा इलाका 5वीं अनुसूची क्षेत्र के अंतर्गत आता है,जहां का खैरबनी गाँव के ज़्यादातर आबादी आदिवासी बहुल है। यहां आदिवासी-मूलवासी समुदाय की स्वशासन व्यवस्था लागू है। प्रशासन को संवैधानिक तरीके से आना चाहिए और ग्रामसभा से बात करनी चाहिए, लेकिन प्रशासन फोर्स का भय दिखाकर डराना चाहती है, इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
प्रशासन की टीम पहुंचाने की जानकारी मिलने के बाद माझी परगना महाल की प्रतिनिधिमंडल भी मौके पर पहुंचा। देश परगना का कहना है कि वह ग्रामीणों के साथ हैं। प्रशासन को गांव में आने से रोका नहीं गया है लेकिन पुलिस लेकर शांति व्यवस्था को भंग करने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जायेगी। इस दौरान देश परगना बैजू मुर्मू के साथ तोरप परगना हरिपादो मूर्मू, देश परानिक लेदेम किस्कू, कुमार चंद्र मार्डी, डेमका सोय, कपूर बागी, माझी बाबा दीपक मुर्मू, कृष्णा लोहार, सोमनाथ पाड़ेया, संग्राम मार्डी, ग्रामप्रधान सह हातु मुंडा दिकू मेलगांडी समेत अन्य मौजूद रहे।