L19 रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने के निर्देश पर श्रम विभाग के प्रतिनिधिमंडल ने तमिलनाडु के तिरुपुर, कोयंबटूर, चेंगुलपेट, कांचीपुरम आदि इलाकों में दौरा करने के बाद प्रवासी मजदूरों के साथ होने वाले मारपीट और भेदभाव जैसी घटना को निराधार बताया है।
मजदूरों से बातचीत के बाद विभाग ने यह जानकारी दी कि सभी प्रवासी मजदूर तमिलनाडु के कोयंबटूर एवं तिरुपुर के विभिन्न फैक्ट्रीज और कंस्ट्रक्शन साइट्स में सुरक्षित अपने काम में लगे हैं। इन्हें किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ रहा है। किसी ने इनके साथ मारपीट नहीं की और न ही इन्हें हिंदी भाषी होने पर अपमान का सामना करना पड़ रहा है।
प्रतिनिधिमंडल ने सुनिश्चित किया कि सभी श्रमिक सुरक्षित हैं एवं सभी को मेहनताना समय से मिल रहा है। जानकारी के मुताबिक, तमिलनाडु सरकार की ओर से झारखंड व अन्य राज्यों के प्रवासी मजदूरों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।
मारपीट व हत्या की बात में कोई सच्चाई नहीं
तमिलनाडु में अधिकांश प्रवासी मजदूर झारखंड के पलामू, गढ़वा, लातेहार, दुमका, चाईबासा, बोकारो और रांची से हैं। मामले की जांच के बाद प्रतिनिधिमंडल ने सोशल मीडिया के ज़रिए वायरल मारपीट, हत्या व हिंदी भाषी होने के कारण स्थानीय निवासी द्वारा मजदूरों को अपने गृह राज्य लौटने की धमकी की जानकारी को निराधार करार दिया।
राज्य सरकार की लोगों से अपील
झारखण्ड सरकार ने राज्यवासियों से अपील कर कहा है कि सोशल मीडिया में वायरल किसी भी अफवाहों पर ध्यान ना दें। खबरों का चेन्नई, इरोड, तिरुपुर, कोयंबटूर जिलों का दौरा कर सत्यापन कर निराधार पाया गया। तामिलनाडु में कार्यरत सभी प्रवासी मजदूर बिल्कुल सुरक्षित हैं। श्रमिकों के रिश्तेदारों से भी न घबराने का आग्रह किया। साथ ही यह भी जानकारी दी कि राज्य के प्रवासी कंट्रोल कक्ष के माध्यम से उन्हें मदद और जानकारी पहुंचाई जा रही है।
खबर प्रकाशित करने से पहले फैक्ट चेक कर लें
सरकार की मिली जानकारी के अनुसार कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे प्रिंट, ऑडियो-विजुअल जमीनी स्तर के तथ्यों को सत्यापित किए बगैर रिपोर्ट दिखा रहे हैं। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग सभी समाचार पत्रों और पोर्टलों से आग्रह करता है कि वे खबर प्रकाशित या दिखाने में पूरी सावधानी बरतें। इस मामले पर जारी किए जा रहे आधिकारिक बयानों को भी शामिल करें जिससे गलत सूचना को फैलने से रोका जा सके।