L19/Dumka : दुमका जिले के सरैयाहाट प्रखंड के बारीडीह गांव का एक बुजुर्ग अपने जमीन पर गोतिया लोगों के दखल से परेशान हैं। बुजूर्ग का नाम नारद मंडल है। गांव वालों ने उनको बताया था कि जब तक वह पुलिस-प्रशासन के पास पैसे खर्च नहीं करेंगे तब तक उनकी कोई मदद नहीं करेगा। इसके बाद उन्होंने वृद्धा पेंशन के मिले पैसे से 2000 निकाले और दुमका चले गए। यहां उन्होंने एक वकील से आवेदन लिखवाया। उस वकील ने जमीन के कागजात भी रख लिए और आवेदन लिखने के 300 रुपये भी लिए। आवेदन लेकर बुजुर्ग एसडीओ कौशल कुमार के दफ्तर चले गए।
बुजुर्ग ने एसडीओ कौशल कुमार के दफ्तर में आवेदन के साथ डेढ़ हजार रुपए भी मोड़ कर आगे बढ़ा दिए। जब एसडीओ ने पैसे देखें तो वह नाराज हो गए। उन्होंने दुमका एसडीपीओ नूर मुस्तफा और नगर थाना प्रभारी को बुला लिया। ताकि घूस देने के प्रयास में बुजुर्गों को जेल भेजा जा सके। बाद में एसडीपीओ ने इस बात को गंभीरता से लिया और समझने की कोशिश की कि आखिर यह स्थिति आई क्यों। इसके बाद उन्होंने बुजुर्ग की परेशानी समझी और उनको कहा कि घूस लेना और देना दोनों ही अपराध है। ऐसे में उन्हें जेल भी हो सकती है।
बुजुर्ग ने उनको बताया कि उनको लोगों ने कहा था कि पैसे के बिना कोई काम नहीं करता इसलिए उन्होंने घूस देने की कोशिश की। एसडीओ ने बुजुर्ग को पैसे उनके पास ही रखने को कहा। नारद मंडल यह भी नहीं बता पा रहे थे कि किस वकील से उन्होंने आवेदन लिखवाया है। एसडीओ ने पुलिस को उनके कागजात को वकील से वापस दिलवाने की बात कही। साथ ही उसके आवेदन पर संबंधित थाना और अंचल अधिकारी को उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया। बुजुर्ग ने अपनी गलती पर माफी मांगी। उसने बताया कि उसके दो बेटे बाहर हैं जो दूसरे शहर में काम करते हैं। घर में बहू और एक छोटा पोता है।