L19 DESK : राज्य में चल रही शहर की सरकार अगले दस दिनों के बाद अस्तित्व में नहीं रहेगी। रांची नगर निगम सहित 35 नगर निकायों का कार्यकाल 30 अप्रैल को खत्म हो जाएगा। इसके पहले 13 नगर निकाय पिछले 2020 से ही अपना कार्यकाल पूरा कर चुके है। इन नगर निकायों में ना तो चुनाव हुए है, न ही इन्हे अभी तक बढ़ाया गया है। 15वे वित्त आयोग ने झारखंड के नगर निकायों को 3367 करोड़ रुपए की अनुशंसा की है, लेकिन जब शहर की सरकार मने कई जन प्रतिनिधि नहीं होगा तो शहरों के विकास की योजनाएं कैसे बनेंगी और बनी हुई योजनाएं धरातल पर कैसे उतरेंगी।
नगर निकायों के चुनाव को लेकर यह साफ है की जब तक पिछड़ो के आरक्षण का निर्धारण नहीं हो जाएगा, तब तक चुनाव नहीं कराया जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि चुनाव के पहले पिछड़ो के आरक्षण का प्रावधान करें, फिर चुनाव कराये। ट्रिपल टेस्ट कराने के लिए एक आयोग का गठन करना होगा।
जिसकी देखरेख में ट्रिपल टेस्ट होगा। पिछड़ो के आरक्षण के निर्धारण के बाद ही निकायों के चुनाव होंगे। इसका मतलब है की पूरी प्रक्रिया में कई महीने लग जाएंगे। तब तक 15वें वित्त आयोग से मिलनेवाले राशि से शहरी सरकार वंचित रहेगी। वैसे भी जिन 13 निकायों में पिछले तीन साल से चुनाव नहीं हुए है, उन्हे यह राशि नह इमिल रही है ।
वित्तीय वर्ष2021 -2026 तक राज्य को 15 वें वित्त आयोग ने विभिन्न योजनाओं के लिए इस प्रकार राशि की सिफारिस की है
- स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए- 2370 करोड़ रुपए
- पंचायतों (स्थानीय निकायों ग्रामीण) के लिए- 6585 करोड़ रुपए
- नगर निकायों के लिए- 3367 करोड़ रुपए
- आपदा प्रबंधन के लिए- 3138 करोड़ रुपए