झारखण्ड में रामगढ़ जिले की एक अदालत ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के निलंबित सिपाही पवन कुमार सिंह को एक कुली, उसकी पत्नी एवं गर्भवती बेटी की अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर हत्या करने के मामले में बृहस्पतिवार कोपवन कुमार सिंह को मौत की सजा सुनायी।
पवन ने 17 अगस्त, 2019 को इस परिवार पर अपनी सर्विस रिवॉल्वर से सिर्फ इसलिए हमला कर दिया था क्योंकि उक्त परिवार ने सिपाही को पैसा बकाया होने के चलते दूध देने से इनकार कर दिया था तथा यह परिवार दूध भी बेचता था।
अदालत ने पवन कुमार सिंह को कुली के परिवार के तीन सदस्यों की निर्मम हत्या करने और दो अन्य को अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर घायल करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई।
यह घटना 17 अगस्त 2019 को रामगढ़ जिले के बरकाकाना पुलिस चौकी क्षेत्र में एक रेलवे कॉलोनी में हुई थी। रेलवे सुरक्षा बल के जवान पवन कुमार सिंह ने रेलवे में कुली अशोक राम (55), उसकी पत्नी लीला देवी (39) और गर्भवती पुत्री मीना देवी (32) की हत्या कर दी थी और राम के दो अन्य बच्चों चिंटू कुमार और सुमन कुमारी को गोली मारकर घायल कर दिया था। इस मामले में रामगढ़ के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश-प्रथम शेषनाथ सिंह की अदालत ने पवन कुमार सिंह को बृहस्पतिवार को मौत की सजा सुनाई।