L19/HAZARIBAGH : राजधानी रांची से करीब 90 किलोमीटर दूर स्थित हजारीबाग जिले में एक नवजात बच्ची पायी गई चोटी सी बच्ची को डस्टबिन में फेंक दिया गया था। इसकी सूचना कुछ छात्रों ने पुलिस को दी। उसके बाद बच्ची को डस्टबिन से निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। यह घटना हजारीबाग शहर की है जहा मटवारी में एक डस्टबिन से दो दिन की नवजात बच्ची पायी गई। बच्ची को एक बैग के अंदर प्लास्टिक रैपर में लपेट कर फेंका गया था। बच्ची बैग के अंदर से रो रही थी जिसकी रोने की आवाज लॉज के कुछ छात्रों ने सुनना।
बच्ची के रोने की आवाज सुनकर लॉज के छात्र डस्टबिन के पास गए, तो वहा उन्हें एक बैग मिला। छात्रों ने डस्टबिन से बैग को बाहर निकाला और उसे खोला, तो वहा उनको एक नवजात बच्ची मिली। बच्ची लगातार रो ही रही थी। छात्रों ने उस बच्ची को बाहर निकाला। और फिर इसकी जानकारी पुलिस व बाल कल्याण समाज समिति के सदस्यों को दे दी। यह घटना 15 जून की रात 10 बजे की है। जानकारी मिलने पर कोर्रा पुलिस पहुचे और तुरंत नवजात को शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सुभाष प्रसाद ने कहा कि 15 जून की देर रात 11 बजे कोर्रा पुलिस ने शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज में नवजात को भर्ती कराया गया है। एसएनसीयू में रख कर बच्ची का इलाज किया जा रहा है। नवजात को फिलहाल वॉर्मर मशीन में रखा गया है। और उसका टेस्ट किया जा रहा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि नवजात स्वस्थ है या नहीं।
लॉज के छात्रों ने कहा
लॉज के छात्र राहुल ने कहा कि मटवारी स्थित एक होटल के समीप डस्टबिन से किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनायी दी। इसके बाद मैंने अपने दोस्तों को बुलाया। डस्टबिन से बैग को बाहर निकाला। बैग का चेन इस प्रकार बंद था कि वह खुल नहीं रहा था। इसके बाद हमने बैग को फाड़ दिया। अंदर प्लास्टिक के रैपर में नवजात बच्ची को देखा। वह बहुत रो रही थी। लॉज के छात्रों ने बताया कि किसी को भी इतना निर्दयी नहीं बनना चाहिए। नवजात को डस्टबिन में फेंक देना, क्रूरता है।