- डीड राइटर भरत प्रसाद, जमीन ब्रोकर इम्तियाज अहमद ने पावर ऑफ एटोर्नी लेकर किया था खेल
- अब इस जमीन के कागजी मालिक हैं कारोबारी विष्णु अग्रवाल
दीपक
L19 DESK : राजधानी रांची में सेना की जमीन और अन्य भूमि की अवैध खरीद बिक्री मामले में पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश का नाम भी सामने आ ही गया। यह तो होना ही था, क्योंकि जिस राजेश राय से पुनीत भार्गव नामक व्यक्ति ने जमीन खरीदी है, वह पुनीत भार्गव, प्रेम प्रकाश का दाहीना हाथ माना जाता था। इस डील के लिए प्रेम प्रकाश ने एक करोड़ रुपये लिये थे। इडी के पास सभी दस्तावेज उपलब्ध करा दिये गये हैं।
इसमें कहा गया है कि कैसे उपायुक्त छवि रंजन ने इस तथाकथित भूमि का न सिर्फ लगान निर्धारण कराया, बल्कि फरजी दस्तावेजों के जरिये की गयी निबंधन को भी जायज ठहराते हुए उसका म्यूटेशन सीओ शैलेश कुमार और बाद में सीओ मनोज कुमार से करवाया. गाड़ी मौजा के खाता संख्या 28 के इस जमीन के कागजी मालिक अब कारोबारी विष्णु अग्रवाल हैं।
भरत प्रसाद ईडी की गिरफ्त से हैं अभी तक बाहर
अब तक पूरे प्रकरण में हजारीबाग के डीड राइटर भरत प्रसाद को इडी ने गिरफ्तार नहीं किया है, क्योंकि वे छापामारी के दिन अपने आवास (हजारीबाग के मेरू) में नहीं थे। उनके परिजनों ने कहा था कि भरत प्रसाद अयोध्या गये हुए हैं। भरत प्रसाद और इम्तियाज अहमद ने छह फरवरी 2021 को भरत प्रसाद और जमीन ब्रोकर इम्तियाज अहमद ने राजेश राय को आरएस प्लाट संख्या 28, मौजा गाड़ी के 3.57 एकड़ भूमि में से एक एकड़ जमीन फरजी तरीके और गोरखधंधे के आधार पर राजेश राय को बेच दी थी। यह डील एक करोड़ 78 लाख 55 हजार आठ सौ रुपये में की गयी थी।
छह फरवरी 2021 को बैंक ऑफ बड़ौदा के चेक संख्या 001832, 001833, 001834, 001835, 001836, 001837, 001838, 001839 के जरिये 1,78,55,800 रुपये का भुगतान भी किया गया। एक ही दिन 7,14240 रुपये का स्टांप फीस भी इन जमीन ब्रोकरों ने स्टांप फीस के नाम पर एसआरओ रांची कार्यालय में जमा कराया। इसके बाद यह जमीन पुनीत भार्गव को बेच दी गयी, जो प्रेम प्रकाश का दाहीना हाथ था। प्रेम प्रकाश अवैध माइनिंग, मनी लाउंड्रिंग और अन्य मामलों में फिलहाल इडी की हिरासत में है। इसके बाद एक अप्रैल 2021 को पुनीत भार्गव ने इसी जमीन को कारोबारी विष्णू अग्रवाल को जमीन बेच दी।
इसके लिए एक करोड़ दो लाख रुपये से अधिक की डील हुई. आदर्श हाइट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से यह जमीन ली गयी। इसके लिए विष्णु अग्रवाल ने चेक संख्या 252767, 252768, 252769 के जरिये एक करोड़ दो लाख से अधिक का भुगतान पुनीत भार्गव को किया. अवर निबंधक कार्यालय रांची को जमीन की रजिस्ट्री के लिए 4 लाख 10 हजार 400 रुपये का स्टांप फीस दिया गया।
भरत प्रसाद और इम्तियाज अहमद ने फरजी पेपर पर लिया था पावर
इडी की जांच में पाया गया है कि बड़गाई अंचल के हल्का कर्मचारी भानू प्रताप, डीड राइटर भरत प्रसाद, जमीन ब्रोकर इम्तियाज अहमद, फरजी जमीन मालिक लखन सिंह ने इसको लेकर रांची के सदर अंचल से जारी एक पुराने रशीद को भी लगाया था। इडी की जांच में रसीद का नंबर 97845 बताया गया है।
इस रसीद के जरिये यह पता चलता है कि कंचन कच्छप के नाम से वर्ष 2009 में लगान जारी किया गया था। वहीं दूसरा रसीद नंबर 1909412 है, जिसमें दिव्या शिखा लकड़ा के नाम से लगान कटवाया गया था। दूसरों के नाम पर जारी किये जा चुके रसीद के नंबरों का इस्तेमाल करते हुए भरत प्रसाद और इम्तियाज अहमद ने जमीन की पावर ऑफ एटोर्नी लेकर जमीन को बेच डाला। इसी जमीन को कारोबारी विष्णू अग्रवाल ने लिया।