दीपक कुमार
L19 DESK : रांची के संत जेवियर्स स्कूल के प्रोडक्ट नवजीत सिंह कलशी देश भर की बिजली खरीद-बिक्री से जुड़े पावर एक्सचेंज के बड़े ट्रेडर हैं। ये 18 कंपनियों से जुड़े हुए हैं। 15 कंपनियों के खुद निदेशक हैं। इसके अलावा परिवार के सभी सदस्यों को इन्होंने निदेशक बना रखा है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इनके द्वारा संचालित अधिकतर कंपनियां एक ही ई-मेल एड्रेस से रजिस्ट्रार ऑफ कंपनिज के यहां निबंधित है। 40 करोड़ रुपये के शेयर कैपिटल के साथ इन्होंने मनीकरण पावर लिमिटेड शुरू की थी। इसका पेड अप कैपिटल 35.35 करोड़ रपये है। इस कंपनी का मुख्य उद्देश्य सिविल इंजीनियरिंग से जुड़ा कंस्ट्रक्शन वर्क है। यह कंपनी अब न्यूक्लियर फ्युएल, रीफाइंड पेट्रोलियम प्रोडक्ट, कोयले का उत्पादन, ग्रीन इनर्जी, हॉट वाटर बिजनेस, तथा लिथियम की खोज में जुटी है।
इसकी वजह से मनिकरण पावर लिमिटेड देश के पावर सेक्टर में सामने आयी और आयकर का छापा भी कई मायनों में कंस्ट्रक्शन कंपनी से सीधे पावर ट्रेडिंग में जाने को लेकर की गयी है। कैसे परिवार के सदस्यों के साथ पावर ट्रेडिंग का बिजनेस कर करोड़ों का वारा-न्यारा करने की बातें अब सामने आयेंगी। आयकर विभाग की तरफ से इस कंपनी के 50 से अधिक बैंक खातों को सीज कर लिया गया है। अभी आधिकारिक स्तर पर यह घोषणा नहीं की गयी है कि मनिकरण पावर लिमिटेड की तरफ से क्या-काया घोटाला किया गया है। कहने को इनके द्वारा ही रांची के हिनू में स्प्रींगडेल्स नामक स्कूल चलाया जाता है।
जानकारी के अनुसार नवजीत कलशी ने गुजरात में 22 सौ करोड़ रुपये की लागत से लिथियम रीफाइनरी स्थापित करने के लिए समझौता किया था।
296 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत वाली इस समझौते के अनुसार गुजरात में लिथियम रीफाइनरी स्थापित करना था। पांच जनवरी 2022 को यह समझौता मनिकरण लिथियम प्राइवेट लिमिटेड ने किया था। इसका मुख्यालय दिल्ली में है। इसके लिए नवजीत सिंह कलशी ने आस्ट्रेलिया की एक कंपनी के साथ समझौता किया था, जो भारत में लिथियम बैटरी का निर्माण इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए करनेवाली थी। इसी प्रकार 10 जनवरी 20222 को नेपाल पावर एक्सचेंज लिमिटेड के साथ भी समझौता किया गया था। 350 मिलियन अमेरिकी डॉलर के इस करार में मनिकरण पावर लिमिटेड को नेपाल से 500 मेगावाट बिजली मिलनी थी। नेपाल की बिजली की खरीदने के बाद उसे भारत के निजी कंपनियों को बेचने का नवजीत सिंह कलशी ने बेचने की योजना बनायी थी। गुजरात में हुए वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन नें नवजीत सिंह कलशी ने बड़े-बड़े भाषण इसी वर्ष जनवरी माह में दिये थे।