L19 DESK : विश्व भर में एक बार फिर से कोरोना का आगाज़ हो चुका है। इस बार कोरोना अपने नये सब वेरिएंट के साथ आया है। इसका नाम जेएन -1 (JN-1) है जो कोरोना के वेरिएंट ऑमिक्रोन का ही सब वेरिएंट है। वही ऑमिक्रोन, जो कोरोना के तीसरे लहर के समय में फैल रहा था। हालांकि, इस वेरिएंट से जान का खतरा काफी हद तक कम हो गया था।
अब इस नये वेरिएंट जेएन-1 से कोरोना के मरीजों में फिर से इजाफा देखने को मिल रहा है। देश विदेश हर जगह ये तेजी से अपना फैलाव बढ़ा रहा है। इसे लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि इस नये सब वेरिएंट से घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि ये भी माना जा रहा है कि यह जेएन-1 कोरोना के वेरिएंट की सूची में आखिरी नहीं होगा। अभी और भी सब वेरिएंट आने की आशंका जतायी जा रही है।
अब यह सब वेरिएंट कितना खतरनाक है? इसके बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि ये भी ज्यादा खतरनाक नहीं है। मौजूदा समय में कोरोना के वैक्सीन इस नये सब वेरिएंट से लड़ने के लिये पूरी तरह से तैयार हैं। हालांकि, एहतियात बरतने को भी कहा गया है। भीड़ भाड़, प्रदूषित इलाकों से बच कर रहने को कहा गया है। मास्क का उपयोग और दो गज की दूरी फिर से बनाने को कहा गया है। जेएन-1 पर फिलहाल स्टडी जारी है।
जेएन-1 वैरिएंट कौन से उम्र वाले लोगों में तेजी से फैल रहा है? इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) कोविड टास्क फोर्स के डॉ. राजीव जयदेवन इस पर कहते हैं कि जेएन-1 एक तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है। नवंबर महीने से ही कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज होनी शुरु हो गयी है। यह आबादी के उन लोगों को परेशान कर सकता है जो कि कमजोर आयु वर्ग, वृद्ध लोग और जिन्हें पहले से कई बीमारियां हैं। ऐसे व्यक्तियों को इसके परिणामस्वरूप अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है और उसके बाद परेशानियां बढ़ सकती हैं।
जेएन-1 से संक्रमित होने पर अस्पतालों में भर्ती होने की जरूरत नहीं
डॉ जयदेवन आगे कहते हैं कि कोविड-19 से पीड़ित अन्य लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है। बकौल जयदेवन, सौभाग्य से, इनमें से अधिकांश लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अधिकांश कोविड मामले अब उन लोगों में हो रहे हैं, जो या तो यात्रा कर रहे हैं या फिर काम पर जाने के लिए पर्याप्त रूप से स्वस्थ हैं।
कोविड को आम सर्दी न समझ बैठें
डॉ जयदेवन कोविड में होने वाली सर्दी के बारे में कहते हैं कि बहुत से लोग कोविड को आम सर्दी समझ लेते हैं जबकि यह बहुत अलग है। कोविड-19 हमारी रक्त वाहिकाओं के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है, खासकर अगर यह बार-बार आता है। इसलिए हमें बार-बार सामान्य सर्दी हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने यह भी कहा कि कोविड-19 संक्रमण होने से बेहतर है कि सावधानी बरती जाए।
इन मौसमी फ्लू के समान है कोरोना के लक्षण
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन के अनुसार मौसमी फ्लू जैसे इन्फ्लुएंजा ए, एडेनोवायरस, राइनोवायरस और रेस्पीरेटरी सिंकाइटियल वायरस की वजह से होने वाले सांस संबंधी संक्रमण मॉनसून से संबंधित बीमारियों का कारण बन सकते हैं। ये कोविड-19 के लक्षणों की तरह ही समान हैं। ऐसे में पता कर पाना मुश्किल हो जाता है कि ये कोरोना के लक्षण हैं या मौसमी फ्लू के। ऐसे लक्षणों वाले हर व्यक्ति की जांच कर पाना संभव प्रतीत नहीं होता। इसलिये जिन्हें गंभीर सांस संबंधी दिक्कतें हों, सांस संबंधी संक्रमण से जूझ रहे हों, निमोनिया के मरीज हों, उन्हें प्राथमिकता देकर जांच की जानी चाहिये। भर्ती मरीजों का परीक्षण करना चाहिये।
नये वेरिएंट जेएन-1 के लक्षण क्या हैं ?
नये वेरिएंट जेएन-1 के लक्षण ठीक उसी तरह के हैं, जैसे कोरोना के समय देखने को मिले थे। इसके लक्षणों में सर्दी, खांसी, बुखार, सिरदर्द, थकान, सांस संबंधी दिक्कतें, आदि शामिल हैं।
ऐसे बरतें एहतियात
विशेषज्ञों के मुताबिक, शादी हॉल, ट्रेनों, बसों जैसी बंद भीड़ भाड़ वाली जगहों पर मास्क जरूर पहनें। यह कोरोना के साथ साथ अन्य वायु जनित बीमारियों से भी बचायेगा। वृद्धों, गर्भवती महिलाओं और कम इम्युनिटी वाले लोगों को खास कर भीड़ वाले इलाकों से बचने का प्रयास करना चाहिये। जरूरी होने पर मास्क जरूर से पहनें। इसके अलावा, सांस संबंधी बीमारियों से संक्रमित, सर्दी और खांसी वाले लोगों को तो जरूर से एहतियात बरतना चाहिये।