L19 DESK : झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के जिलों और प्रखंड मुख्यालय में बने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) के सुचारू ढंग से संचालित नहीं होने के मामले की सुनवाई की । मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने मामले पर रज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है । डॉ भीम प्रभाकर की जनहित याचिका की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि आइटीआई संस्थान कब तक शुरू कर दिया जाएगा और और यहां कब तक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी ।
मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विनोद सिंह ने पैरवी की । पूर्व में राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि जो आईटीआई भवन बने हैं उनमें इंस्ट्रक्टर की नियुक्ति के लिए रूल फ्रेम कर दिया गया है । वर्ष 2008 से वर्ष 2010 के बीच राज्य के जिलों एवं कुछ प्रखंड मुख्यालय में श्रम नियोजन, रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से आईटीआई भवन बनाए गए ।
इन भवनों में आधारभूत संरचना यथा टेबल, कुर्सी, पंखा, स्टेशनरी आदि की भी खरीद कर ली गई है. पर इसकी उपयोगिता आइटीआइ शुरू नहीं होने से फिसड्डी साबित हो रही है । निर्मित आईटीआई भवनों के चालू हालत में नहीं रहने से यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हो गया है । याचिका में कहा गया है कि जल्द से जल्द इन आईटीआई भवनों को चालू किया जाए और वहां शिक्षकों की बहाली की जाए । इतना ही नहीं हर साल इन आईआईटी संस्थानों के लिए स्टेशनरी की खरीदारी होती है लेकिन उसका कोई यूज़ नहीं हो रहा है ।