L19/Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर राज्य के सभी अधिकारी और कर्मचारी अब जोहार शब्द से अपना संवाद शुरू करने लगे हैं। सरकार स्थानीय भाषाओं का प्रचार-प्रसार कर रही है। सरकार की योजनाओं की जानकारी और उसका लाभ अधिक से अधिक लोगों को देने हेतु सरकार ने यह प्रयास शुरू किया है। अभी हाल में 100 यूनिट मुफ्त बिजली योजना की जानकारी हिंदी, नागपुरी, हो, संथाली, मुंडारी और कुडुख भाषा में प्रचारित-प्रसारित कराया गया, ताकि लोगों को योजना की जानकारी के साथ लाभ मिल सके।
स्थानीय भाषा में अधिकारी करें लोगों से संवाद
बीते दिनों मुख्यमंत्री सिविल सर्विस डे समारोह में कहा था कि झारखण्ड में अधिकारियों तथा पदस्थापित होने वाले अधिकारियों को स्थानीय भाषा की जानकारी होनी चाहिए। ताकि वे अपनी बात लोगों तक सार्थक ढंग से पहुंचा सकें और उनसे संवाद कर सकें। ऐसा होने से लोग उनकी बातों को आसानी से समझकर उसपर अमल करेंगे। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को इस दिशा में उचित कदम उठाने का निर्देश भी दिया है।
स्कूलों में भी मातृभाषा में शिक्षा
स्थानीय भाषा के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से पांचवीं तक की पढ़ाई हो, संथाली, कुडुख, मुंडारी और खड़िया में कराने का निर्णय लिया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत पश्चिमी सिंहभूम, साहिबगंज, लोहरदगा, खूंटी, सिमडेगा और गुमला में इसे शुरू किया गया है, जिससे बच्चों को मातृ भाषा आधारित शिक्षा प्राप्त हो सके।