L19: 1932 और 1985 के खतियान आधारित स्थानीय नीति को लेकर सीएम हेमंत सोरेन और पूर्व सीएम रघुवर दास के बीच बहस छिड़ गई । बुधवार को हेमंत सोरेन ने रामगढ़ में कहा कि 1985 की स्थानीय नीति पर मिठाई बांटने वाले 1932 खतियान की मांग करने वालों का संघर्ष क्या ही जानेंगे ? इसके बाद गुरुवार को पूर्व सीएम रघुवर दास ने हेमंत सोरेन के बयान पर पलटवार कर टि्वटर पर हेमंत सोरेन के पोस्ट पर रिप्लाई देते हुए कहा कि 1932 खतियान का वादा कर सत्ता में आई हेमंत सोरेन की सरकार ने साढ़े 3 साल में भी स्थानीय और नियोजन नीति नहीं बना पाई । इस कारण राज्य के युवा सड़क पर हैं । संघर्ष की बात करने वाले नेता को ना रोजगार की चिंता है और ना ही राज्य के विकास की चिंता है यह केवल अपने और अपने परिवार के विकास के बारे में सोचते है ,यही कारण है कि आज उनके प्रतिनिधि-सिंडिकेट होटवार जेल में बंद है। हर दिन मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार के नए खुलासे होते रहते है । क्या जल-जंगल-जमीन की लूट के लिए वे सत्ता पाना चाहते थे ।