L19. रिम्स (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) में झारखंड के ही नही बाकि दुसरे राज्यों से भी लोग बेहतर इलाज के लिए पहुंचते हैं। हजारो की संख्या में डॉक्टर , पारा मेडिकल और एमबीबीएस के छात्र रहते हैं। सुरक्षित वातावरण रहने पर चिकित्सक मरीजों का इलाज बेहतर ढंग से कर सकते हैं, पर लेकिन में चिकित्सकों के साथ छेड़खानी व लूटपाट की घटना हो रही है। इससे रिम्स में कार्यरत डॉक्टरों में भय का माहौल बना हुआ हैं ।
रिम्स हॉस्टल परिसर से होकर बरियातू के इंद्रप्रस्थ कॉलोनी और आर्यापूरी में रहने वाले आते जाते रहते हैं। मोहल्ले के लोग पहले से से ही रिम्स के रास्ते का प्रयोग अस्पताल, बैंक, पोस्ट ऑफिस, बिजली ऑफिस, स्कूल-कॉलेज के लिए भी करते हैं।
लेकिन बढ़ रही घटनाओं को देखते हुए हॉस्टल परिसर के पास के रास्ते में गड्ढा खोदा गया हैं। इसकी वजह से वाहनों का आवागमन रुक गया हैं ।बैरिकेडिंग कर सुरक्षाकर्मियों की भी तैनाती की गयी हैं । इसके बावजूद असामाजिक तत्व द्वारा रिम्स परिसर में डॉक्टरों के साथ छेड़छाड़ और लूटपाट की घटना की जा रही हैं।
रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ हीरेन बीरुआ ने बताया की कुछ ही दिन पहले महिला चिकित्सकों के साथ ऐसी घटनाएं हुई हैं। हॉस्टल से हॉस्पिटल जाने के रास्ते में लाइट की व्यवस्था भी कर दी गयी है। साथ ही सुरक्षाकर्मियों तैनात रहने का निर्देश दिया गया है, ताकि घटनाओं पर लगाम लगाया जा सके।
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ जयदीप चौधरी ने बताया की सुरक्षा में चूक होने के कारण बाहर के लोग अस्पताल परिसर में घुस जाते हैं। असपताल परिसर में शाम 5 बजे के बाद असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लग जाता हैं। सभी लोग नशाखोरी में खो चुकें हैं । ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को को सख्त करना आवश्यक हैं।