L19 DESK : झारखंड में मौसम करवटें बदल रहा है। राज्य के जमशेदपुर, पलामू, गढ़वा, बोकारो, गोड्डा, पाकुड, रामगढ़ में तापमान 40 के पास और इससे ज्यादा हो गया है। राजधानी रांची में रविवार की सुबह से ही आसमान में बादल छाये हुए हैं। पर राहत नहीं है। मौसम विभाग ने बदलते मौसम को देखते हुए अलर्ट जारी किया है और बच्चों और बुर्जुगों के लिए घर में ही रहने की अपील की ह। मौसम विभाग ने 10 बिंदुओं में सलाह भी दी है।
30 अप्रैल तक रहेगा मौसम में परिवर्तन
वैसे अभी मौसम के इस मिजाज में परिवर्तन के आसार कम ही दिखायी दे रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक 30 अप्रैल तक मौसम ऐसे ही रहने वाला है। मौसम विज्ञान केंद्र रांची ने हीट वेव को लेकर अलर्ट तक जारी किया है। पश्चिम विक्षोभ यानी देश के पश्चिमी हिस्से से गर्म हवाओं के असर ने झारखंड में गर्मी बढ़ायी है। इसकी वजह से लातेहार, पलामू, चतरा, गढ़वा समेत आसपास के जिलों में तापमान बढ़ा है।
16 से 20 अप्रैल तक गर्जन के साथ हल्की वर्ष की संभावना
मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद के मुताबिक 16 और 17 अप्रैल को आंशिक बादल छाए रहेंगे। मौसम शुष्क रहेगा। 18 अप्रैल को शाम होते-होते आंशिक बादल छाएंगे। 19 और 20 अप्रैल को राज्य के दक्षिणी भागों में कहीं कहीं गर्जन के साथ हल्की वर्षा की संभावना है। राज्य भर में सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक लू और गर्म हवाएं चल रही हैं। ऐसे में घरों से बाहर कम निकलने की आवश्यकता है।
गरमी से बचने के लिए आवश्यक चीजों को रखे साथ
गरमी से बचने के लिए हल्के रंग के ढीले और सूती कपड़े पहने अपना सिर ढक के कपड़े टोपी या छाते का प्रयोग करने की सलाह दी गयी है। डीहाईड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त पानी पीने को कहा गया है। हीट स्ट्रोक ही ड्रेस या हिट क्रैंप्स जैसी कमजोरी के लक्षणों को पहचाने पर बल दिया गया है। यह भी कहा गया है कि यदि हिट वेब से बेहोश अथवा बीमार होते हैं, तो चिकित्सकों के पास जायें।
रांची के अलावा कई जिलों में 30 अप्रैल तक रहेगा हीट वेव असर
मौसम विभाग ने कहा है कि अगले चार दिनों तक उमस भरी स्थिति रहेगी। राजधानी रांची के अलावा गिरिडीह, पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम, गढ़वा, पलामू, चतरा, कोडरमा, बोकारो, धनबाद जिलों में 30 अप्रैल तक हीट वेव का असर कायम रहेगा। राज्य के पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम सिमडेगा और सरायकेला खरसावां में आंशिक बादल छाए रहने की संभावना है। सतही हवा चलने से वायुमंडलीय गर्म हवा का प्रकोप और अधिक बढ़ जाएगा। जिससे गर्मी और उमस के बढ़ने की संभावना है।