L19/Bokaro : बोकारो के सहायक आयुक्त उत्पाद हैं अरविंद कुजूर। इन्होंने भ्रष्टाचार के सभी पैमानों को तहस-नहस कर दिया है। बताते चलें कि राज्य में अरविंद कुजूर एक भ्रष्ट अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं। बोकारो जिले में झारखंड स्टेट बीभरेज कारपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) की तरफ से शराब की दुकानों का संचालन किया जा रहा है। वह भी इस वर्ष अप्रैल 2023 से। इससे पहले छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट की कंपनी सुमीत फैसिलिटीज बोकारो में शराब की दुकानों का संचालन कर रही थी। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच ईडी की तरफ से शुरू किये जाने के बाद सुमीत फैसिलिटीज, एटूजेड इंफ्रास्ट्रक्चर, प्राइम वन वर्क्स फोर्स और इगल हंटर नामक प्लेसमेंट एजेंसियों को न सिर्फ जेएसबीसीएल ने टर्मिनेट कर दिया, बल्कि इन पर सही तरीके से राजस्व की वसूली नहीं करने पर दो अरब से अधिक का सर्टिफिकेट केस भी किया गया।
शराब के स्टाक को कम दिखा कर दो करोड़ से अधिक का घोटाला कर दिया
इसके बाद से जोन सिक्स और बोकारो तथा रामगढ़ को छोड़ कर अन्य जिलों में जेएसबीसीएल ने शराब के संचालन का जिम्मा अपने हाथों ले लिया। सभी जिलों में सहायक आयुक्त को जवाबदेही सौंपी गयी। इसी क्रम में अरविंद कुजूर को बोकारो का जिम्मा दिया गया। इन साहब ने दुकानों के हैंड ओवर, टेक ओवर में शराब के स्टाक को कम दिखा कर दो करोड़ से अधिक का घोटाला कर दिया। चास नगर निगम के पूर्व मेयर भोलू पासवान ने इस सिलसिले में राज्य सरकार को पत्र लिख कर बोकारो में सहायक आयुक्त के कारनामों की जांच करने का आग्रह किया है। उन्होंने लिखा है कि अरविंद कुजूर खुलेआम दुकानदारों से तीन प्रतिशत का कमीशन मांगते हैं। यह कहते हैं कि यदि कमीशन की राशि उन तक नहीं पहुंचेगी, तो जेएसबीसीएल की तरफ से एक-एक स्टोर में कार्यरत स्टोर मैनेजर, दो सेल्समैन के तनख्वाह के भुगतान में देर होगी। इतना ही नहीं सहायक आयुक्त अरविंद कुजूर की तरफ से वही स्टाक बेचने के लिए दिया जाता है, जिस ब्रांड के लिए वह हामी भरते हैं।
अरविंद कुजूर ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है, इसकी जांच होनी चाहिए
बताते चलें की उनकी इस कार्यशैली से सरकार को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कई औऱ गंभीर आरोप लगाये हैं। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पूर्व ही रांची की टीम आकर दुकानों में नकली शराब पकड़ने का काम किया और निर्दोष कर्मियों को जेल भेज दिया गया। न्यायालय द्वारा दूसरे दिन ही सभी कर्मियों को जमानत पर छोड़ दिया गया। उन्होंने मांग की है कि अरविंद कुजूर ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। इसकी जांच होनी चाहिए। जिले में नकली शराब बनानेवाले तस्करों के साथ भी इनकी सांठगांठ है। सुमीत फैसिलिटीज के कर्मी मनोज यादव, सुनील सिंह और मृत्युंजय की तरफ से दुकानों से उगाही की जाती है। सुमीत फैसिलिटीज को हटाये जाने के बाद भी सहायक आयुक्त ने कंपनी के कर्मियों को अपना शागीर्द बना कर रखा है।
बोकारो में है शराब की कुल 81 दुकानें
बोकारो में है शराब की कुल 81 दुकानें, इसमें विदेशी शराब की 36 औक कंपोजिट 20 दुकानें हैं। बोकारो जिले के लिए जीडीएक्स फैसिलिटिज ने अप्रैल माह में ही प्लेसमेंट एजेंसी के रूप में काम करने को लेकर बैंक गारंटी भी जमा कर दी है। अभी तक जीडीएक्स फैसिलिटीज को सरकार की तरफ से लेटर ऑफ इंटेंट नहीं दिया गया है और न ही दुकानों के हैंड ओवर, टेकओवर की जवाबदेही सौंपी गयी है।