L19 DESK : रांची के कांके डैम और बड़ा तालाब के किनारे बने 100 से ऊपर मकानों को तोड़ने का आदेश हाई कोर्ट ने नगर निगम को दिया है। इस संबंध में सहायक नगर आयुक्त ज्योति कुमार सिंह ने एक आम सूचना जारी करके मकान मालिकों को अगले 15 दिनों के अंदर अपने स्वेच्छा से मकान खाली करने का आदेश दिया है अगर ऐसा नही किया गया तो जबरन नगर निगम प्रशासन उनके मकानों को तोड़ने का काम करेंगी। इस दौरान भवन तोड़ने के समय जो छतिपूर्ति होती है उसका भी भरण मकान मालिकों से ही लिया जाएगा।
बताते चलें कि प्रारंभ में भी 2021 में नगर आयुक्त इधर इस आदेश के खिलाफ इन मकानों को तोड़ने के लिए तत्कालीन नगर आयुक्त मुकेश कुमार से इन सभी मकानों को तोड़ने का आदेश दे चुका है। इधर इस आदेश के खिलाफ मकान मालिक आरआरडीए ट्रिब्यूनल में चले गए थे, जहां निगम के सभी करवाई को सही ठहराते हुए सभी केस को वापस आयुक्त कोर्ट को भेज दिया गया था । इस मामले के तुल पकड़ने के बाद अवैध भवनों को रेगुलाइज करने की चर्चा सरकार के स्तर तक भी चली, जिस कारण नगर निगम ने करवाई रोक दी थी।
इधर हाल में हाईकोर्ट ने साफ साफ आदेश दिया है कि शहर के अंदर स्थित नदी नालों, तालाबों, डैमों के किनारे जितने भी अवैध निर्माण हुआ हो उसको हटाया जाए। इसके बाद नगर निगम ने भवन मालिकों को फाइनल नोटिस जारी कर घर खाली करने का निर्देश दिया गया है।
बताते चलें कि कांके डैम के किनारे अधिकतर घर आवासीय हैं वहीं बड़ा तालाब के किनारे स्थित मकान व्यावसायिक हैं।
इधर निगम के आदेश के खिलाफ़ मकान मालिकों का कहना है की सरकार अवैध मकान को रेगुलर करने के लिए कोई नियम कानून नहीं लाती है पहले बसने दिया जाता है उसके बाद बलपूर्वक हटाया जाता है। सरकार आम जनता की समस्या को समझने का प्रयास नहीं करती अक्सर लोगों पर पहुंच आती है।
विगत कुछ सालों से हाईकोर्ट लगातार आदेश देता रहा है कि शहर के अंदर जितने भी सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से मकान, या अन्य किसी व्यवसाय कार्यों के लिए बनाए गए होटल गुमटी,झोपड़ी बनाए गए हैं उनको एक नियम के तहत हटाया जाए। इसी कड़ी में बीते दिनों रांची स्थित बड़ा तालाब और कांके डैम के किनारे स्थित घरों को हटाने का आदेश जारी हुआ है।