L19 DESK : वर्ष 2023 का पहला सूर्यग्रहण ऑस्ट्रेलिया में लगा है। हालांकि, इसे केवल अमेरिका, जापान, चीन में ही देखा जा सकता है। यह सूर्यग्रहण एक कंकणाकृति है, जिसे मिश्रित सूर्य ग्रहण भी कहा जाता है। ज्योतिषी में ग्रहण को एक अशुभ घटना माना जाता है। ऑस्ट्रेलिया में सबसे पहले सूर्य ग्रहण दिखा है। वहां से सूर्य ग्रहण की कुछ तस्वीरें आई हैं।
भारत में ग्रहण से पूर्व और उस दौरान सूतक काल लग जाता है। इस काल के दौरान किसी भी तरह का शुभ काम व पूजा-पाठ करने पर मनाही होती है। हालांकि, सूर्यग्रहण भारत में न लगने के वजह से सूतक काल भी नहीं लग रहा है। इसलिए देश के सभी मंदिरों में पूजा पाठ जारी है।
बता दें, कंकणाकृति सूर्य ग्रहण मिला-जुला सूर्य ग्रहण माना जाता है। इसमें ग्रहण एक कुंडलाकार सूर्य ग्रहण के रूप में शुरू होता है, फिर धीरे-धीरे यह पूर्ण सूर्य ग्रहण में बदल जाता है। और वापस आकर कुंडलाकार सूर्य ग्रहण में बदल जाता है। सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और पृथ्वी पर छाया डालता है। इस स्थिति में वह सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक लेता है।
इस साल का पहला सूर्य ग्रहण कंकणाकृति सूर्य ग्रहण होगा। बताया जा रहा है कि यह सूर्य ग्रहण बेहद खास रहने वाला है क्योंकि इस बार एक ही दिन में तीन तरह का सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। इसे वैज्ञानिकों ने हाइब्रिड सूर्य ग्रहण का नाम दिया है। इनमें आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार सूर्य ग्रहण शामिल होंगे।