L19/Dhanbad : धनबाद जिला के बलियापुर के हुचुकटांड़ में भोक्ता मेले में 150 लोग चाट और गुपचुप खाने से फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए। यह पूरी घटना बुधवार की शाम है। 100 लोगो को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं 50 लोगों का इलाज अलग-अलग निजी अस्पतालों में हो रहा है। दर्जनों लोगों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है, जिसमे काफी संख्या में बच्चे हैं। फूड प्वाइजनिंग के सही कारणों का पता नहीं चल पाया है। अधिकतर लोगों ने मेले में चाट और गुपचुप खाए थे।
बता दें की बलियापुर के कर्माटांड़ पंचायत के हुचुकटांड़ में भोक्ता मेले (चड़क पूजा) का आयोजन हुआ था। कर्माटांड़ पंचायत के अलग- अलग गांवों से हजारों की संख्या में लोग मेले में शामिल हुए थे । शाम होते-होते मेले से घर लौटे लोग बीमार पड़ने लगे। लोगों को कय, दस्त, पेट में दर्द आदि की समस्या होने लगी। मर्ज बढ़ने पर लोग अस्पताल पहुंचने लगे। बढ़ते-बढ़ते इनकी संख्या सिर्फ मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 100 से पार हो गई।
इसके साथ बलियापुर और धनबाद के निजी अस्पतालों में मरीज भर्ती कराए गए हैं। फूड प्वाइजनिंग के शिकार लोगों में ज्यादातर बच्चे हैं। सिर्फ मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इनकी संख्या 50 है। इसके अलावा बड़ी संख्या में महिलाएं भी बीमार हुई हैं। युवा व बुजुर्गों की संख्या काफी है।
फूड प्वॉइजनिंग से बिगड़ी 150 लोगों की तबीयत
अस्पताल में मची अफरा-तफरी, बेड कम पड़े एक साथ एक सौ से अधिक मरीजों के मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में पहुंचने से वहां अफरा-तफरी मच गई। वहां बेड कम पड़ गए। मरीजों की संख्या का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां किसी को बेड मयस्सर नहीं हुआ, जिसे जहां जगह मिली, वहीं लेट कर इलाज कराने लग गया। इमरजेंसी में फर्श पर लेट कर कई लोगों ने स्लाइन चढ़वाया। कई लोग इमरजेंसी के बाहर कैंपस में स्लाइन की बोतल बाइक, पेड़-पौधों और बिजली के खंभों में लटका कर स्लाइन चढ़वा रहे थे।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचे ज्यादातर बीमार हुचुकटांड़ गांव के हैं। इसके अलावा आसपास के गांवों के भी लोग इलाज के लिए आए। ग्रामीणों का कहना है कि हुचुकटांड़ में मेला लगा था। गांव के सभी लोग मेले में गए थे । गांव के हर घर से दो से तीन लोग बीमार पड़े हैं।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कार्यरत पुराने डॉक्टरों और कर्मचारियों का कहना है कि एक साथ इतनी संख्या में यहां पहले कभी मरीज नहीं पहुंचे। पहला मौका है, जब एक साथ सौ के आसपास फूड प्वाइजनिंग के मरीज आए । डॉक्टरों की अतिरिक्त टीम लगानी पड़ी।