L19 DESK : कोल्हान इलाके में ग्रामीण नक्सल अभियान का विरोध कर रहे हैं। भारी संख्या में ग्रामीणों ने पारंपरिक हथियार के साथ विरोध प्रदर्शन किया। कोल्हान के जंगल में बिछाए गये आईईडी बम की चपेट में आने से कई ग्रामीणों को मौत हो रही है । खतरा कम होने के बजाय बढ़ रहा है। यही वजह है कि ग्रामीण नक्सल विरोधी ऑपरेशन का विरोध कर रहे हैं ।रविवार को कोल्हान जंगल के आराहासा पंचायत के बोरोई गांव में हजारों की तादाद में पारंपरिक हथियारों से लैस ग्रामीण का जुटान हुआ। इस दौरान ग्रामीणों जल-जंगल और जमीन अधिकार रक्षा मंच और कोल्हान रक्षा संघ के बैनर तले इंकलाब जिंदाबाद और पुलिस प्रशासन विरोधी नारे लगाए गए। मंच की ओर से पहले बोरोई गांव के मैदान में जमावड़ा हुआ।
कुल्हाड़ी, तीर-धनुष व नगाड़े और मांदर बाजा की थाप पर जमकर नारे लगाए गए। इसके बाद बोरोई से ग्रामीणों का हुजूम बाईसाई, आराहासा पुलिस कैंप की ओर गया। लोगों का कहना था कि कोल्हान जंगल में कई महीनों से नक्सल अभियान चल रहा है। इस दौरान स्थापित पुलिस कैंप में तैनात फोर्स गांवों में मोर्टार के द्वारा बम और गोले दाग रही है।पांच निर्दोषों की मौत,18 से ज्यादा जवान घायल हुए हैं। इस इलाके में माओवादियों के एक करोड़ के इनामी कई नेताओं के होने की बात पुलिस और केंद्रीय पुलिस बल कहती है। माओवादी इस इलाके को युद्ध क्षेत्र घोषित कर रखे हैं। इस द्वंद में 40 किमी के परिधि क्षेत्र में जमीन पर गाड़े गये बम और बुबी ट्रैप से पांच से ज्यादा निर्दोष ग्रामीण मारे जा चुके हैं। जैसा कि पुलिस बता रही है।
वहीं अलग अलग आईईडी विस्फोट में पैरामिलिट्री के 18 जवान घायल हो चुके हैं। इस इलाके में रोजाना सेना की हेलिकॉप्टर मंडराती है।पिछले चार महीने में बम और अन्य विस्फोट से पांच निर्दोष ग्रामीणों हो चुकी है। पशु भी मारे जा रहे हैं। जगह-जगह पर केन , बी ट्रैप किए गए बम मिल रहे हैं। 40 किमी के दायरे में छह पुलिस कैंप स्थापित है। तेज धूप के बावजूद भारी संख्या में ग्रामीण मौके पर मौजूद रहकर कार्यक्रमों में भाग लिया। मालूम हो कि कोल्हान के इस इलाके में छह महीने से फायरिंग रेंज।
5 महीने से कोल्हान जंगल बना हुआ है युद्ध क्षेत्र कोल्हान जंगल मे पिछले पांच महीने से नक्सल विरोधी ऑपरेशन चल रही है। उसी इलाके के लोग ऑपरेशन में बम गोला बरसाने का आरोप पुलिस फोर्स पर लगा रहे हैं।। पुलिस का मानना है कि इस इलाके में माओवादियों के बड़े नेता हैं। टोंटों प्रखंड के तुबांहाका इलाके को पुलिस द्वारा घेर कर रखने की बातें आती रही हैं। चार महीने में कई बार मुठभेड़ हुई, जिसमें 18 जवान घायल हो चुके हैं