L19/DUMKA : शहर के महुआडंगाल स्थित एक निजी विद्यालय में हृदय विदारक घटना घटी। प्लस टू पीजी स्कूल नामक विद्यालय के छत से एक छात्र के गिरने से दर्दनाक मौत हो गई। जानकारी के अनुसार घटना स्कूल में लंच के अवकाश के समय घटी। 9 वर्षीय छात्र चार मंजिला मकान के छत से गिर गया। गिरने की आवाज पर आस-पास के लोगों ने विद्यालय प्रबंधन को इसकी सूचना दी। गंभीर अवस्था में आनन-फानन में विद्यालय प्रबंधन बालक को इलाज के लिए फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया। जहां इलाज के क्रम में बालक ने दमतोड़ दिया। मृतक छात्र का नाम आर्यमन कुमार, पिता आशीष मंडल है। वह दूसरी कक्षा का छात्र था। आर्यमन मूल रूप से जामताड़ा जिला के मिहिजाम थाना क्षेत्र के केलाही गांव का रहने वाला था।
बालक का ननिहाल दुमका जिला के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मसालिया रोड स्थित विजयपुर में है। विद्यालय प्रबंधन की माने तो आर्यमन का नामांकन प्लस 2 पीजी विद्यालय में 3 मार्च 2020 को हुआ था। वह कभी वैन से विद्यालय आकर क्लास करता था तो कभी छात्रावास में रहता था। 12 मार्च को उसके अभिभावक द्वारा हॉस्टल पहुंचाया गया था। अन्य दिनों की भांति सुबह वह जगने के बाद तैयार होकर क्लास करने क्लास रूम गया। लंच के समय वह लंच करने विद्यालय के ऊपर किचन गया। हॉस्टल के अन्य छात्र भी किचेन गये थे। अचानक आर्यमन किचेन से निकल कर कब बॉलकनी में गया और कब नीचे गिरा किसी ने नहीं देखा। गिरने की आवाज सुनकर पड़ोस के लोग जब बाहर निकले तो एक मासूम को रोड पर तड़पते देखा।
विद्यालय प्रबंधन भी पहुंचा और गंभीर स्थिति में उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों ने विद्यालय प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। सूचना मिलते ही मुफस्सिल थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंच तमाम बिंदुओं पर अनुसंधान करते हुए बालक का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया है। स्कूल प्राचार्य सौरभ दत्ता ने बताया कि लंच का समय था। सभी लंच कर रहे थे। अचानक शोर हुई कि बच्चा गिर गया। लोगों ने बताया कि बालक कूद गया। आनन-फानन में गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी मौत हो गई। दो दिन से बच्चा हॉस्टल में नहीं रहना चाह रहा था।
घटना को लेकर छात्र का मामा हेमंत कुमार ने विद्यालय प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। गौरतलब हो कि छात्र का नाना प्रकाश गन्धर्व है। जो हिन्दू क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष है। मामले में थाना प्रभारी नीतीश कुमार ने बताया कि सूचना पर घटना स्थल पहुंच पुलिस विभिन्न बिन्दूओं पर अनुसंधान में जुट गई है। शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया गया है। परिजनों से किसी प्रकार का लिखित शिकायत अब तक नहीं मिला है।
इस घटना के बाद से कई सवालों को खड़े हो रहे है। आए दिन गली मुहल्ले में निजी विद्यालय खुल रहे है। संचालक द्वारा विद्यालय के नियमों का कितना पालन हो रहा है। इसकी जांच कभी नहीं होती है। अपने बच्चे का कैरियर संवारने के चक्कर में अभिभावक भी बच्चों को रेसिडेंशियल विद्यालय में दाखिला करा देते है। लेकिन मासूम के लिए हॉस्टल की जिंदगी किसी जेल से कम नहीं होती। इस घटना का वास्तविक कारण क्या है। यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा। लेकिन इतना जरूर है कि छोटे छोटे बच्चों को छात्रावास में रखने वाले विद्यालय प्रबंधन को बच्चों की सुरक्षा को लेकर अत्यधिक सजग रहने की आवश्यकता है।