L19/Desk : तेजी से चल रहा है भारतमाला प्रोजेक्ट का काम । ओरमांझी के 15 गांवों की जमीनें ली गयी हैं इस प्रोजेक्ट के लिए । रैयतों को मुआवजा राशि जारी है । इस प्रोजेक्ट के लिये रैयतों को मुआवजा देने के लिये जिला भू-अर्जन कार्यालय को 50 करोड़ रूपए एनएचएआई के द्वारा दिया गया है । इनमें से 30,04,30,466.00 रुपये रैयतों के बीच वितरण किए गए । शेष बचे 19,95,69,534.00 रुपए बांटे जाने हैं । यह काम 15 मार्च तक ही होना था लेकिन, अब इसे 31 मार्च तक वितरित कर देने का डेडलाईन निर्धारित कर दिया गया ।
कई दस्तावेजों में है त्रुटि
जानकारी के मुताबिक रैयतों द्वारा जमा किये गये दस्तावेजों में कई सारी गलतियाँ पायी गयी । किसी ने दस्तावेज पूरे नहीं दिए हैं तो किसी ने गलत रिकॉर्ड जमा कर दिए है। सभी दस्तावेजों की जांच हो रही
ऑरमाँझी से जैनामोड़ और धनबाद को जोड़ेगी
भारतमाला प्रोजेक्ट के जरिए रांची के ओरमांझी से जैनामोड़ तक एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाना है । प्रोजेक्ट के जरिए 81.49 किलोमीटर लंबी 8 लेन सड़क बनना है, जो जैनामोड़ और धनबाद को जोड़ेगी । सड़क निर्माण के लिए ओरमांझी से गोला तक 15 गांवों में जमीन लिया जा रहा है । करीब 751 रैयतों की जमीन ली जा रही है ।
जमीन अधिग्रहण के लिए केंद्र सरकार ने कंप्लीट अथॉरिटी फॉर लैंड एक्यूजिशन (सीएएलए) का गठन किया गया । इसमें ओरमांझी के अंचल अधिकारी CO को भी रखा गया है । सीओ को प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण करने, रैयतों को मुआवजा दिलाने और प्रोजेक्ट को शुरू कराने की जिम्मेदारी दी गई है ।
इन गांवों की जमीन हुआ है अधिग्रहण
गांव रैयत
- ईद गांव-13
- उपरनगडू -47
- तापे – 47
- बनलोटवा-02
- सांडी- 49
- खुदिया- 18
- रोला – 32
- कोआलू- 54
- पालू – 80
- चाडू -113
- चेतनबारी- 58
- गूडू -81
- कुरुम – 59
- हेठनगड़ू -52
- कुटे -46
कम समय में बोकारो-धनबाद का होगा सफर
ओरमांझी से गोला, पेटरवार होकर जैनामोड़ होते हुई जो सड़क पर भीड़भाड़ के कारण ट्रैफिक पर ब्रेक लग जाता है । लेकिन, भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से लोगों का समय बचेगा । कम समय में दूरी तय हो पाएगी । बता दे की यह राज्य का पहला एक्सप्रेस-वे होगा । भारतमाला परियोजना के तहत पिछड़े इलाकों, धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जा रहे हैं ।
ये परियोजना गुजरात और राजस्थान से शुरू होकर पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार की सीमाओं को कवर करेगी ।