L19 DESK : पश्चिम बंगाल के कोलकाता न्यूटाउन इलाके में फ्लैट दिलाने के नाम पर वरिष्ठ नागरिकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने तृणमूल कांग्रेस सांसद व अभिनेत्री नुसरत जहां पूछताछ करने के बाद अतिरिक्त दस्तावेज मांगे हैं। जांच एजेंसी ने आरोपी निजी कंपनी सेवेन सेंस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के साथ उनके जुड़ाव के संबंध में अतिरिक्त दस्तावेज मांगे हैं।
रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ी कंपनी सेवेन सेंस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड पर आरोप है कि उसने वर्ष 2014-15 के अंतराल में न्यूटाउन में वरिष्ठ नागरिकों को उचित दरों पर आवासीय फ्लैट देने का वादा कर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की है। आरोप है कि कंपनी द्वारा 429 लोगों से लगभग 23.89 करोड़ रुपये की राशि एकत्रित की गयी, लेकिन उन्हें फ्लैट आबंटित नहीं किया गया। सूत्रों के मुताबिक, 12 सितंबर को मामले में पूछताछ के लिए तृणमूल सांसद जहां साल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित ईडी कार्यालय गयी थी।
इस दौरान उनके पास वित्तीय संबंधित दस्तावेजों और कागजात वाली एक फाइल थी. हालांकि, उस दिन उन्होंने वे सभी दस्तावेज जमा नहीं किये, जो उनसे इस मामले में मांगे गये थे, इसलिए केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने अब अभिनेत्री से नेत्री बनीं नुसरत जहां से और दस्तावेज मांगे हैं। बताया जा रहा है कि सांसद नुसरत भी उक्त कंपनी की निदेशक रह चुकी हैं। सांसद पहले ही इस बात से इनकार कर चुकी हैं कि उनका उक्त कंपनी से कोई संबंध है, साथ ही उन्होंने वित्तीय अनियमितता के किसी भी मामले में शामिल होने की बात को भी इनकार कर दिया था। साथ ही कहा था वह आरोपी कंपनी की कोई पदाधिकारी नहीं हैं।
सांसद ने यह जरूर कहा था कि उन्होंने उस कंपनी से घर खरीदने को लिए करीब 1.16 करोड़ रुपये का लोन लिया था, जिसे उन्होंने छह मई, 2017 को कंपनी को ब्याज समेत करीब 1.4 करोड़ रुपये चुका दिये थे। अलीपुर जजेस कोर्ट में चार दिसंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई बता दें कि सेवन सेंसेज इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के निदेशक के तौर पर नुसरत जहां समेत कुल आठ लोगों के नाम सामने आये हैं। कंपनी पर फ्लैट देने के नाम पर कई लोगों से धोखाधड़ी करने का आरोप है।
500 लोगों से फ्लैट के नाम पर मोटी रकम ली गयी, लेकिन किसी को भी फ्लैट नहीं दिया गया। लोगों ने रुपये इस कंपनी के बैंक खाते में कथित तौर पर राज्य के स्वामित्व वाले एक बैंक के सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ के जरिये जमा करायी गयी थी। फ्लैट नहीं मिलने पर पीड़ितों ने अलीपुर कोर्ट में मामला दायर किया है। अदालत के निर्देश पर गरियाहाट थाने की पुलिस ने इस मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।