L19 DESK : छत्तीसगढ़ में 1200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले मामले की जांच कर रही ईडी ने अब झारखंड मे भी शराब घोटाले की जांच शुरु कर दी है। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में प्रिज्म होलोग्राम की भूमिका को लेकर नोएडा के कासना थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। जिसमे झारखंड का भी जिक्र किया गया। प्राथमिकी में झारखंड में इस कंपनी द्वारा फर्जी होलोग्राम छापे जाने की आशंका जतायी गयी है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने यह प्राथमिकी छत्तीसगढ़ इडी द्वारा पीएमएलए की धारा 66(2) के तहत साझा की गयी सूचना के आलोक में की है।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच कर रही इडी के उपनिदेशक हेमंत ने सक्षम अधिकारियों की अनुमति के बाद पीएमएलए की धारा 66(2) के तहत शराब घोटाले में शामिल प्रिज्म होलोग्राम व अन्य के खिलाफ जांच में मिली सूचनाओं को साझा किया था। इडी द्वारा स्पेशल टास्क फोर्स, लखनऊ के एडीजी को साझा की गयी सूचना पर प्राथमिक दर्ज की गयी है। छत्तीसगढ़ के विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी, उत्पाद आयुक्त निरंजन दास, आइएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, प्रिज्म होलोग्राम के विधु गुप्ता और अनवर ढेबर को अभियुक्त बनाया गया है।
ईडी द्वारा साझा की गयी सूचना के आधार पर दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में कहा गया कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में प्रिज्म होलोग्राम की अहम भूमिका है। इस कंपनी ने अपने नोएडा स्थित फैक्ट्री से नकली होलोग्राम छाप कर अरुणपति त्रिपाठी के माध्यम से शराब सिंडिकेट को उपलब्ध कराया। बता दे की अरुणपती त्रिपाठी के दौरा नकली होलोग्राम छापने के लिए सीरियल की जानकारी दी जाती थी। क्योंकि सरकार को छाप कर दिये गये होलोग्राम के नंबरों की जानकारी और हिसाब त्रिपाठी के पास ही हुआ करता था। त्रिपाठी की सूचना और निर्देश के आलोक में दोबारा उन्हीं नंबरों को होलोग्राम छाप कर दिया जाता था,ता कि अवैध तरीके से चलनेवाले शराब के व्यापार को जांच के दौरान आसानी से पकड़ा न जा सके।