L19 DESK : झारखंड में इस साल भी सूखे का आसार है। मॉनसून के आगमन को करीब 1 महीना हो गया, मगर अब भी बारिश सामान्य से केवल आधी ही हुई है। इसका असर सीधा रोपनी पर दिखाई दे रहा है। राज्य के 13 जिलों में बारिश की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण रोपा शुरु नहीं हो पाया है। कुछ जिलों में तो सीधे बुआयी से धाना की खेती की जा रही है।
आपको बता दें, राज्य में 15 जुलाई से लेकर अगस्त महीने के पहले हफ्ते तक रोपाई का समय माना जाता है। मॉनसून और रोपाई की स्थिति देखते हुए कृषि विभाग अलर्ट मोड पर है। वहीं, अगर संथाल परगना की बात करें तो बारिश की स्थिति कुछ हद तक ठीक है। मगर पलामू प्रमंडल में तो हालत ऐसी कि एक भी जिले में रोपाई शुरु भी नहीं हो पायी है।
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य में इस साल कृषि विभाग ने 18 लाख हेक्टेयर में धान लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। मगर तुलनात्मक रुप से केवल 2 लाख हेक्टेयर जमीन पर ही धान लग पाया है जो लक्ष्य का करीब 11% ही है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, रोपाई के लिये केवल 10 दिनों का समय ही शेष रह गया है। इसमें 90% खेतों में धान को रोपना असंभव है। इसी वजह से किसानों को ऊपरी जमीन पर धान की जगह मोटे अनाज की खेती शुरु करने की हिदायत दी गयी है।
वहीं, अगर बारिश की स्थिति की बात करें तो इसमें चतरा सबसे टॉप लिस्ट में है जहां बारिश की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। संथाल परगना क्षेत्र के गोड्डा और साहिबगंज जिले को छोड़कर राज्य के लगभग सभी जिलों में सामान्य से 30-75% तक कम बारिश दर्ज की गयी है।