L19 Desk : पहला : कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में चर्चा करने की मांग
कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने मणिपुर में हुई हिंसा पर चर्चा करने की मांग की, लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। सांसद की यह भी मांग रही कि, प्रधानमंत्री को सदन में बोलना चाहिए। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी मणिपुर घटना पर चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया।
दूसरा : प्रियंका चतुर्वेदी ने मणिपुर घटना पर उठाए कई सवाल, कार्रवाई में हुई देरी को लेकर सरकार को घेरा
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मणिपुर घटना पर कहा हैकि, ‘घटना की ‘FIR 18 मई को दर्ज़ की गई थी और यह जीरो FIR थी। मुझे यकीन है कि पुलिस के पास यह वीडियो था, लेकिन 18 मई से आज तक कार्रवाई किए बिना ही बेकार बैठे रहे, और अब जाकर उन्होंने कोई एक्शन लिया है। क्योंकि अब वीडियो लीक हो गया है और वायरल हो गया है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कल खुद कहा था कि, अब तक इसी तरह की लगभग 100 FIR दर्ज़ की गई हैं। अन्य 100 महिलाओं और उनकी FIR के बारे में क्या?”
तीसरा : कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी नियम 267 के तहत बिजनेस सस्पेंशन नोटिस दिया
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने मणिपुर घटना पर चर्चा की मांग के लिए राज्यसभा में नियम 267 के तहत बिजनेस सस्पेंशन नोटिस दिया और कहा कि “इस संबंध में प्रधानमंत्री द्वारा सदन में एक बयान दिया जाना चाहिए।”
चौथा : मनीष तिवारी ने सवाल किया,मणिपुर में जो हो रहा है उसका जिम्मेदार कौन?
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा है, ”मणिपुर में पिछले 77 दिन से अराजकता का माहौल बना हुआ है। अगर ये कहा जाए कि वहां पर सरकार और प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं है तो ये गलत बात नहीं है। मानसून सत्र मैं पीएम मोदी का ये दायित्व होना चाहिए कि इस विषय पर वो सदन के समक्ष बोले। सवाल ये है कि? पिछले 78 दिन मणिपुर में जो हो रहा है, उसका जिम्मेदार कौन हैं? इसलिए विपक्ष ने काम रोको प्रस्ताव के तहत मांग की है, कि दोनों सदनों में इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए। हमारी मांग है, कि पीएम सदन के बाहर बोल सकते हैं तो सदन के अंदर आकर क्यों नहीं बोल सकते?”
पाँचवा : केन्द्रीय मंत्री ने कहा, नए-नए तरीके से चर्चा को रोकना और बहस करना गलत।
सरकार ने कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों पर संसद को बाधित करने का आरोप लगाया है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि, ”नए-नए तरीके से चर्चा को रोकना और बहस करना ये बिल्कुल गलत है।पीएम मोदी के नेतृत्व में हम सार्थक चर्चा करना चाहते हैं इसलिए वो सहयोग करें लेकिन वे चर्चा ही नहीं करना चाहते हैं। वे हर बार ऐसे मुद्दे लाते हैं जिसमें मुद्दा नहीं रहता है।”
छवां : खरगे ने मणिपुर मुद्दे पर पीएम मोदी से विस्तृत टिप्पणी की मांग की
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विटर पर मणिपुर में लंबे समय से जारी हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विस्तृत टिप्पणी की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी ने कल मॉनसून सत्र से पहले जो भाषण दिया वह ‘कोई बयान नहीं’ था। खरगे ने कहा, “आपने कल संसद के अंदर कोई बयान नहीं दिया। यदि आप क्रोधित होते तो अपने मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त कर सकते थे। भारत आपसे उम्मीद करता है कि आप आज संसद में एक विस्तृत बयान देंगे, न केवल एक घटना पर, बल्कि 80 दिनों की हिंसा पर। राज्य और केंद्र में आपकी सरकार बिल्कुल असहाय और पश्चातापहीन दिख रही है।”
सातवाँ : राजनाथ बोले- मणिपुर घटना पर संसद में चर्चा करना चाहती है सरकार
हंगामे के बीच मणिपुर मुद्दे पर राजनाथ सिंह ने संसद में अपना पक्ष रखा। उन्होंने मणिपुर घटना को गंभीरत से लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस मामले पर चर्चा करना चाहती है। उन्होंने और कि कहा, ”मणिपुर की घटना निश्चित तौर पर बेहद गंभीर है और इसकी गंभीरता को समझते हुए खुद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि मणिपुर में जो हुआ उसने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है। घटना पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी, हम मणिपुर पर संसद में चर्चा चाहते हैं। मैंने यह सर्वदलीय बैठक में भी कहा था और मैं इसे संसद में दोहराता हूं कि हम मणिपुर पर सदन में चर्चा चाहते हैं। लेकिन मैं देख रहा हूं कि कुछ राजनीतिक दल हैं जो अनावश्यक रूप से यहां ऐसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं ताकि मणिपुर पर चर्चा ही ना हो सके।”
आठवां : सनजी राऊत ने कहा, UCC से पहले मणिपुर की कानून व्यवस्था की बात करे सरकार।
मणिपुर हिंसा पर शिवसेना के नेता संजय राउत ने भी सरकार को घेरा है और कहा, ”इस मामले पर यूरोप के संसद में चर्चा हो गई , अंतर्राष्ट्रीय मंच पर चर्चा हो गई, UN में सवाल खड़े होते हैं? लेकिन हमारे सदन में अबतक कोई चर्चा नहीं हो रही है। प्रधानमंत्री 80 दिन बाद जवाब दे रहे हैं, उससे क्या होता है? 2 महिलाओं को नंगा कर घूमाया जाता है! आप समान नागरिक कानून की बात करते हैं उससे पहले मणिपुर की कानून व्यवस्था की बात करें।”
नवां : संसद में चिराग ने विपक्ष को घेरा, बोला- हंगामा खड़ा करना आपका मकसद
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने मणिपुर हिंसा पर संसद में जारी अवरोध को लेकर विपक्ष पर करारा जवाब देते हुए कहा, ”आपका चर्चा ना करना ये दर्शाता है कि आपको सिर्फ हंगामा ही खड़ा करना है। आप हल चाहते ही नहीं हैं। आप बातों को स्पीकर के पास जाकर चिल्ला-चिल्ला कर बोल रहे हैं। आप चाहें तो आज चर्चा शुरू हो जाएगी, सत्ता पक्ष भी मामले को सुलझाना चाहता है, वे भी चाहता है कि दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो।”