L19 DESK : झारखंड के सरकारी स्कूलों में 2025 से नई शिक्षा नीति के अनुरूप कक्षाएं चलेंगी। इसमें इसी अनुसार पाठ्य पुस्तकें भी बदलेंगी। केंद्र सरकार अगस्त तक नेशनल फ्रेमवर्क जारी करेगी, जिसके बाद राज्य सरकार को भी इसी अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करना होगा। झारखंड को 2024 तक नए सिलेबस के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार करना होगा, जिसे 2025 में अप्रैल से शुरू होने वाले नए शैक्षणिक सत्र से लागू किया जा सकेगा।
नई शिक्षा नीति में 12वीं कक्षा तक की शिक्षा को स्कूली शिक्षा में शामिल किया गया है, लेकिन इसे अलग-अलग बांटा गया है। पहले 5 साल में प्री-प्राइमरी स्कूल के 3 साल होंगे, जबकि पहली व दूसरी के लिए 2 साल फाउंडेशन स्कूल होंगे। इसके बाद तीसरी से 5वीं के 3 साल प्राइमरी में आएंगे। वहीं छठी से 8वीं के 3 साल मिडिल में होंगे। इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा 4 साल की होगी। इसमें 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई होगी। एक ही स्कूल में यह शिक्षा छात्र-छात्राओं को मिल सकेगी। इसमें साइंस, आर्ट्स, कॉमर्स स्ट्रीम की आवश्यकता नहीं होगी।
छात्र-छात्राएं अपनी रुचि के अनुसार विषय रख सकेंगे। नई शिक्षा नीति के अनुसार सिलेबस व पाठ्यक्रम तैयार होने के बाद मार्च 2025 से पहले स्कूलों में किताबें पहुंचानी होगी। इससे पहले पहलीं से 12वीं तक की परीक्षाएं समाप्त करनी होगी, ताकि अप्रैल 2025 से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र में नए सिलेबस व पाठ्य पुस्तक छात्र-छात्रा पढ़ सकें।
केंद्र सरकार की ओर से नए सिलेबस का फ्रेमवर्क जारी होने के बाद झारखंड सरकार झारखंड शैक्षिक अनुशंधान व प्रशिक्षण परिषद (जेसीईआरटी) के नेतृत्व में टीम का गठन करेगी। इसमें नए पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए विषय विशेषज्ञों के साथ-साथ संबंधित विषय के स्कूली शिक्षकों को भी लगाया जाएगा। पाठ्यक्रम ऐसा तैयार होगा, जिसे छात्र-छात्रा आसानी से समझ सकें।