L19 DESK : डीवीसी की आनेवाली तीन पावर प्लांटों से गुजरात और हरियाणा को बिजली देगी। डीवीसी के आनेवाली प्लांट रघुनाथपुर में 660 मेगावाट की दो यूनिट, कोडरमा में 800 मेगावाट की दो यूनिट और दुर्गापुर में एक यूनिट से बिजली की आपूर्ति हरियाणा और गुजरात राज्य को किया जाऐगा। इन प्लांटों में रघुनाथपुर के 660 मेगावाट से गुजरात को 600 मेगावाट, रघुनाथपुर से ही हरियाणा को 300 मेगावाट, कोडरमा से हरियाणा को 300 मेगावाट और दुर्गापुर पावर प्लांट से हरियाणा को 200 मेगावाट बिजली आपूर्ति करेगी। इस संबंध में केंद्रीय विधुत मंत्रालय के उप सचिव अनुप सिंह विष्ट ने डीवीसी अध्यक्ष रामनरेश सिंह को पत्र भेजा है। संसाधन संपन्न दामोदर घाटी क्षेत्र में औद्योगिक विकास ऊर्जा प्रावधानित करने की पुरोधा जिम्मेदारी सहित, डीवीसी ने नवीनतम उपलब्ध तकनीकों का प्रयोग करते हुए उद्योग के लिए पर्याप्त विद्युत की आपूर्ति की है। डीवीसी ने समय की चुनौतियों तथा तकनीकों को अपनाते हुए पूर्वी क्षेत्र में अपनी अग्रणी भूमिका बनाये रखी। डीवीसी 1953 से विदयुत उत्पादन तथा पारेषण करता रहा तथा उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं को सिर्फ पूरा ही नहीं किया बल्कि विद्युत की बढ़ती मांगों में भी सहायता की जो अपने आप में विकास का एक अभिसूचक है।
बंगलादेश को 300 मेगावाट बिजली देती है डीवीसीः 2018 में डीवीसी ने पहली बार सीमा पार बिजली आपूर्ति के लिए अंतरराष्ट्रीय टेंडर जीता था। अल्पकालीक बिजली आपूर्ति जून 2018 से 18 माह के लिए हुई थी। जबकि दीर्घकालिक बिजली जनवरी 2020 से हुई और मई 2033 तक रहेगी। डीवीसी ने अपने उपभोक्ताओं को सस्ती और विश्वसनीय बिजली की आपूर्ति पर ध्यान केंद्रित किया है।
डीवीसी की कहां-कहां जाती है बिजली : डीवीसी की बिजली बंगलादेश के अलावा दिल्ली, मुंबई, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, झारखंड सहित रेलवे, कोल इंडिया, सेल, टाटा व जिदंल स्टील, दिल्ली डिस्कोम्स तथा निजी कल-करखानों को आपूर्ति की जाती है। वर्तमान में मेजिया में 210 मेगावाट की चार, 250 मेगावाट की दो, 500 मेगावाट की दो, बोकारो थर्मल में 500 मेगावाट की एक, चंद्रपुरा में 250 मेगावाट की दो, दुर्गापुर में 500 मेगावाट की दो, कोडरमा में 500 मेगावाट की दो, रघुनाथनुर 600 मेगावाट की दा यूनिट और हाइडल प्लांट मैथन में 20 मेगावाट की दो व 23.3 मेगावाट की एक, पंचेत में 40 मेगावाट की दो तथा तिलैया में 2 मेगावाट की दो यूनिटों से बिजली उत्पादन किया जा रहा है। इसके अलावे मेजिया, दुर्गापुर अंडाल, कोडरमा, रघुनाथपुर, मैथन व मुख्यालय कोलकाता से कुल 3.923 मेगावाट बिजली उत्पादन कर रहीं है।