L19. देशभर में 08 मार्च 2023 को होली का त्योहार मनाया जाएगा। लेकिन बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में होली की शुरुआत रंगभरी एकादशी के दिन से ही शुरू हो जाती है। मान्यता है कि काशी के मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर भगवान शिव विचित्र होली खेलते हैं।
श्मशान में होली खेलने की परंपरा
काशी में होली खेलने की परंपरा सबसे अलग है। काशी नगरी को मोक्षदायिनी नगरी कहा जाता है। यहां हरिश्चंद्र घाट और मणिकर्णिमा घाट है। यहां हर दिन चिताएं जलती रहती है और शवयात्रा का सिलसिला लगा रहता है। लेकिन मातम पसरे इस घाट में साल का एक ऐसा दिन आता है जब यहां होली खेली जाती है वो भी रंगों से नहीं बल्कि चिताओं की भस्म से। यदि आपसे कहा जाए कि, रंग-गुलाल नहीं बल्कि श्मशान घाट में चिताओं के भस्म से होली खेले तो यह सुनकर आप शायद डर जाएंगे। लेकिन काशी में ऐसी ही विचित्र होली खेली जाती है। मान्यता है कि भगवान शिव यहां रंग-गुलाल नहीं बल्कि चिताओं की भस्म से खेलते हैं होली।