L19/Ranchi : शिक्षक नियुक्ति नियमावली में कई खामियों को लेकर सहायक अध्यापक मोर्चा के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल को अपना ज्ञापन सौंपा। राज्य के सभी 62हजार सहायक अध्यापक और पारा शिक्षकों को वेतनमान देने का आग्रह किया । सहायक अध्यापक मोर्चा के प्रतिनिधियों ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि लगभग 62 हज़ार सहायक अध्यापक और पारा शिक्षक विगत 20 वर्षों से ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी शिक्षकों के समतुल्य लगातार शिक्षा का विस्तार कर रहे हैं एवं अपने वेतनमान की मूल मांग की पूर्ति के लिए लगातार लड़ाई लड़ रहे हैं। विगत 20 वर्षों से सेवा देने के बाद भी आज सहायक अध्यापक खाली हाथ घर लौटने को विवश हो चुके है। इस संबंध में विशेष रूप से आग्रह करना है, कि इसी राज्य के अल्पसंख्यक विद्यालयों में बिना किसी परीक्षा दक्षता के 5200-20200 रु के वेतनमान में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। ऐसी परिस्थिति में लगभग 20 वर्षों से कार्यरत झारखंड के सहायक अध्यापकों के साथ भेदभाव एंव सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। पड़ोसी राज्य बिहार में भी सभी कोटी के नियोजित शिक्षकों को वेतनमान दिया जा रहा है। अत: महामहिम महोदय से आग्रह एंव पूर्वक निवेदन है, कि राज्य के सभी 62 हज़ार सहायक अध्यापकों संप्रति पारा शिक्षकों को वेतनमान देने का कृपा करें।
सहायक अध्यापकों ने इन प्रमुख मांगों को रखा:
* झारखंड राज्य के 62 हज़ार सहायक अध्यापकों को बिहार राज्य के तर्ज पर वेतनमान दिया जाए।
* समझौता अनुरूप आकलन परीक्षा एक सौ अंक का किया जाए। परीक्षा उपरांत वेतनमान ग्रेड-पे का लाभ दिया जाए।
* सहायक आचार्य नियुक्ति रद्द की जाए ।
* सीटेट को जेटेट के समकक्ष मान्यता दिया जाए।
*आंदोलन के क्रम में हुए केस को वापस लिया जाए ।