L19/Ranchi : रांची के भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) सेंटर एक समय में तीरंंदाजों को कई राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने के लिये जाना जाता था, अभी यहां डेढ़ महीने से कोई कोच नहीं हैं। फिलहाल इस सेंटर में 14 खिलाड़ी हैं जो हर रोज सुबह शाम तीरंदाजी की प्रैक्टिस करते हैं मगर उन्हें गाइड करने वाला कोई नहीं है। बता दें, सेंटर के 2 कोच रीना कुमारी व पीएन दास का मई महीने में तबादला कर दिया गया, हालांकि उनके जगह पर अब तक किसी भी कोच को पदास्थिपित नहीं किया गया है।
इसके वजह से तीरंदाजी के अभ्यास पर प्रभाव पड़ रहा है। कोच रीना कुमारी का साई के कोलकाता सेंटर में तबादला कर दिया गया है। वहीं, कोच पीएन दास को हजारीबाग के पद्मा सेंटर भेज दिया गया है। यह स्थिति केवल तीरंदाजी की नहीं है। कुश्ति (डे बोर्डिंग) सेंटर का भी हाल कुछ ऐसा ही है। कुश्ति कोच हरप्रीत को डेढ़ महीने पहले कहीं और भेज दिया गया और उनकी जगह किसी को भी नहीं भेजा गया है।
कहा जा रहा है कि नए सत्र से इस सेंटर में तीरंदाजी को बंद करके पद्मा सेंटर में शिफ्ट किया जा सकता है जिसके वजह से साई प्रबंधन रांची सेंटर में कोच नहीं भेज रहा है। वहीं, तीरंदाजों का कहना है कि पहले दो कोच उन्हें प्रशिक्षण दे रहे थे, लेकिन अब एक भी कोच उनके साथ नहीं है। खिलाड़ी भी असमंजस में हैं कि उनके साथ क्या होगा। रांची साई सेंटर में इस समय 5 खेल एथलेटिक्स, हॉकी, तीरंदाजी, कुश्ती और फुटबॉल के संटर संचालित हैं। इनमें कुश्ती और फुटबॉल नन रेसिडेंशियल खेल हैं।
पद्मा में शिफ्ट नहीं होना चाहते : खिलाड़ी
मगर तीरंदाज खिलाड़ी पद्मा सेंटर नहीं जाना चाहते हैं। खिलाड़ियों का कहना है कि सेंटर ऐसी जगह बनाया गया है, जहां अन्य सुविधाएं नहीं हैं। कॉलेज और अस्पताल दोनों ही पद्मा सेंटर से काफी दूर है। वहां एथलेटिक्स और हॉकी खेल भी है, लेकिन सुविधाओं के अभाव में कई खिलाड़ी सेंटर छोड़कर जा चुके हैं। वहीं, खेल विशेषज्ञों का भी मानना है कि राजधानी रांची से सेंटर हटाकर पद्मा ले जाने का फैसला अनुचित है। पूर्व में वॉलीबॉल सेंटर को पद्मा शिफ्ट किया गया था, लेकिन तब खिलाड़ियों ने विरोध किया तो साई ने सेंटर ही बंद कर दिया।