L19/Seraikela Kharsawan : झारखंड के कई जिलों में पिछले कुछ महीनों से हाथियों का आतंक है। जंगली हाथियों का झुंड अक्सर गांवों में घुस आता है। हाथी घरों को क्षतिग्रस्त कर देते हैं और फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। यही नहीं, हाथियों ने इस वर्ष दर्जनों लोगों को मार भी डाला है। बढ़ती आबादी, वनों की कटाई, तेज औद्योगिकरण, जंगलों में रिहायशी इलाकों का निर्माण ऐसे कारक हैं जिन्होंने हाथियों से उनका आवास और विचरण क्षेत्र छीन लिया है। यही वजह है कि हाथी घनी आबादी वाले इलाकों में घुस आते हैं और नुकसान पहुंचाते हैं।
यह मामला डुमरा पंचायत के पालूबेड़ा रमायगोड़ा टोला में संजय मरांडी के घर की बाउंड्री में हाथी से बचने के लिए लगाए गए बिजली प्रवाहित तार के संपर्क में आने से उसकी पत्नी रेशमी मरांडी की मौत हो गयी। वह सुबह उठकर शौच के लिए जा रही थी। जब घर की अन्य महिलाओं ने उसे देखा तो बचाने गयीं, जहां उन लोगों को भी बिजली का झटका लगा। हो हल्ला होने पर आसपास के ग्रामीण भी मौके पर जुट गए। इससे पहले कि कोई कुछ कर पाता रेशमी ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची कांड्रा पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।