L19/Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सहायक लोक अभियोजकों को नियुक्ति पत्र दिया। प्रोजेक्ट भवन मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि समय के अभाव में प्रशिक्षण नहीं मिल पाया है। इसलिए सीधे आपको मोरचे पर जाना होगा। सरकार जल्द ही बेहतर ट्रेनिंग करायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न काराओं में बंद बहुत सारे गरीब हैं, जो पैसे के अभाव में न वकील कर पाते हैं और न ही कोर्ट कचहरी में जा पाते हैं। लेकिन सरकार उनके लिए भी कई तरह की सहायता उपलब्ध कराने की योजना चलाती है। आज के दिन में हमारे गांव के लोगों को यह पता नहीं है कि गरीबों के लिए वकील का खर्च करने का सारा पैसा सरकार वहन करती है। यह बातें लोगों को बताने की जरूरत है। न्याय वकील के अभाव में गरीबों को न मिले, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से छठी से लेकर 10वीं जेपीएससी, उप समाहर्ता स्तर के अभ्यर्थियों, शिक्षकों, कृषि पदाधिकारियों, तथा खिलाड़ियों को इसी मंच से नियुक्ति पत्र सौंपा है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में देश के अंदर मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के बड़े जज और अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू ने कहा था हमें जेल बनाने की क्या जरूरी है। हम जेल में सजायाफ्ताओं की सजा को कम करने के लिए क्यों नहीं काम कर रहे हैं। इसका स्पष्ट मतलब है कि वर्तमान समय में हमारी न्यायपालिका के अंदर कई सारी याचिकाएं लंबित हैं, जिससे कारा में कैदियों की संख्या बढ़ी है। यह संकेत राज्य के लिए और देश के लिए बेहतर नहीं है। यह लगती है छोटी बात, पर मायने बहुत बड़ा है। जेल में हो सकता है कोई ऐसा व्यक्ति हो, जो आपके आस-पड़ोस का है। चाहे वह संगीन अपराध के जुर्म में बंद है अथवा बेगुनाह हैं। कई बिना जुर्म की सजा भुगत रहे हैं उनकी मनोदशा को पहचानने की आवश्यकता है। आपलोग एक महत्वपूर्ण क्षेत्र में योगदान देने जा रहे हैं। डॉक्टर और वकील से हमेशा लोगों का पाला पड़ता है।
लोगों का इन पर भरोसा रहता है। इस विश्वास को बनाये रखना आप नव नियुक्त सहायक लोक अभियोजकों का है। देश में कई कानूनविद, वकील हैं। आप सरकार के अभिन्न अंग के रूप में काम करेंगे। झारखंड प्रदेश जहां आदिवासी, पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यकों का एक बड़ा वर्ग बसता है। यहां के आम जन को नियम कानून के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है। ऐसी स्थिति में उनको न्याय दिलाना, उनके पक्ष में खड़ा होना, कोर्ट में दलीलें देना कितना आसान और कठिन हो सकता है, यह आप निश्चित रूप से अनुभव कर सकते हैं। मैं बिल्कुल आशावान और आश्वस्त हूं कि सहायक लोक अभियोजकों की पहली नियुक्ति है। आप इसे मील का पत्थर साबित करें। कार्यक्रम में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना डाडेल, विधि सचिव समेत अन्य गणमानय व्यक्ति मौजूद थे।