L19/ DESK : कल यानि 5 मई को रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन को दस घंटे की लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने अधि रात को गिरफ्तार कर लिया गया। पूर्व डीसी और आईएएस अधिकारी छवि रंजन यह गिरफ्तारी अचानक नहीं हुई,यह प्रक्रिया लंबे समय से चल रही जांच, कई सवाल जवाब के बाद छवि रंजन को गिरफ्तार किया गया।
बीते एक साल के अंदर झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय ने कई आईएएस अधिकारियों को अपनी रडार में ले रखा है। इन अधिकारियों पर विभिन्न अलग अलग मामलों में जांच चल रही है।झारखण्ड के पांच बड़े मामलों में चार आईएएस अधिकारी भी जांच के घेरे में है। ईडी इनसे जुड़ी करोड़ों के मनी लांड्रिंग की भी जांच कर रही है।
भ्रष्टाचार मामले में निम्न आईएसए अधिकारी जिनके ऊपर ईडी की तलवार लटक रही है
छवि रंजन पूर्व में रांची के उपायुक्त और वर्तमान में समाज कल्याण निदेशक के पद पर कार्यरत हैं इनके ऊपर आरोप है कि रांची में आर्मी की कब्जे वाली जमीन को फर्जी तरीके से बेचने में इनका बड़ा रोल है। इस मामले पर ईडी ने 13 अप्रैल को सरकारी जमीन की हेराफेरी के मामले में आईएएस अधिकारी छवि रंजन, अंचल अधिकारी मनोज कुमार सहित जमीन के कारोबार से जुड़े 18 लोगों के कुल 21 ठिकानों पर छापा मारा है।
इससे पूर्व आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के ऊपर ईडी कार्रवाई कर चुकी है पूजा सिंघल के ऊपर मनरेगा घोटाला जब वह 16 फरवरी 2009 से 19 जुलाई 2010 तक खूंटी की डीसी थीं तब खूंटी जिले में मनरेगा घोटाला हुआ था इसी घोटाला और मनी लांड्रिंग मामले में ईडी कार्रवाई कर रही है,फ़िलहाल पूजा सिंघल जेल में हैं। ईडी ने मनरेगा घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 6 मई को झारखंड में पूजा सिंघल के 20 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी,जिसमें 19.31 करोड़ रुपये की बरामदगी हुई। इसके बाद 11 मई, 2022 को पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया गया। अभी पूजा सिंघल बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा रांची में बंद हैं। पूजा सिंहल जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी।
और भी आईएसए अधिकारीयों के ऊपर लटक रही भ्रष्टाचार की तलवार
इस सूची में आते हैं आईएएस रामनिवास यादव जो फ़िलहाल साहेबगंज जिले के डीसी हैं इन पर
आरोप है कि साहिबगंज में अवैध तरीके से एक हजार करोड़ रुपये की पत्थर माइनिंग की जा रही थी। यह काम जेएमएम नेता पंकज मिश्रा और बच्चू यादव सहित कई लोग करते थे। इसी एक हजार करोड़ रुपये के अवैध खनन मामले में आईएएस रामनिवास यादव की सहभागिता की जानकारी ईडी को हुई थी।
इस सम्बन्ध में ईडी साहेबगंज डीसी रामनिवास यादव से 23 जनवरी 2023 को करीब 10 घंटे तक पूछताछ कर चुकी है। रामनिवास यादव से दोबारा 6 फरवरी को रांची के ईडी ऑफिस में सात घंटे तक पूछताछ की गयी थी।अभी वे साहेबगंज में डीसी के रूप में काम कर रहे हैं और अभी और पूछताछहोने की प्रबल सम्भावना है।
दूसरी सूची में आते हैं आईएएस सह पूर्व मुख्यमंत्री प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का इन पर कार्रवाई के दौरान ये मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव और गृह सचिव थे,मामला जब टूल पकड़ा तो इसका स्थानांतरित करके पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव पर नियुक्त किया गया है। इन पर भाजपा विधायक दल के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने गंभीर आरोप लगाए। बाबूलाल मरांडी ने पांच मार्च को भाजपा कार्यालय में राजीव अरुण एक्का से जुड़ा एक वीडियो जारी किया था,इसमें राजीव अरुण एक्का पर आरोप है कि जिस विशाल चौधरी के घर ईडी ने छापेमारी की थी, उसके निजी कार्यालय में बैठ कर वह सरकार के गृह विभाग की फाइलें निबटा रहे थे। इन पर 27 मार्च 2023 को ईडी से पूछताछ की थी, इसके बाद दोबारा 28 मार्च को पूछताछ की गयी थी। फ़िलहाल पांच मार्च को इनका तबादला कर दिया गया और वर्तमान में पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव के पद पर कार्यरत हैं।