
बताते चले कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार ने झारखंड सहित सभी राज्यों में चल रही डीआरडीए को बंद करने का फैसला कर लिया है और राज्यो को सुझाव दिया है कि इनमें कार्यरत कर्मियों की सेवा का समायोजन जिला परिषद में कर दिया जाये । डीआरडीए को एक अप्रैल 2022 से बंद किया गया और वेतन सहित अन्य मदों पर राशि आवंटन रोक दिया गया । इसके बाद झारखंड सरकार ने दो माह का वेतन इन कर्मियों को राज्यांश मद से दिया था । इसके बाद कर्मियों यह आश्वासन को दिया गया कि उनका समायोजन कर दिया जायेगा । इसके लिए विभाग ने कमेटी बनायी है जिसकी रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी । इधर, वेतन नहीं मिलने के कारण इनकी आर्थिक हालात खराब हो गयी । कई बार ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, विभागीय सचिव इत्यादि के समक्ष अपनी बात रखी । अब राज्य सरकार ने अपने फंड से इन्हें वेतन देने का फैसला कर लिया है ।
