L19 DESK : झारखंड के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में साल में 180 दिन पढ़ाई अनिवार्य होगा। इसके अलावा साल में 72 दिन कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों को नामांकन, परीक्षा की तैयारियों और परीक्षा के लिए और 48 दिनों का छुट्टी दिया जाएगा ।
साल में 30 हफ्ते अनिवार्य रूप से शिक्षण कार्य किया जाएगा
झारखंड सरकार ने यूजीसी रेगुलेशन-2018 के जरिए हाल ही में गठित नए नियम में इसे परमावश्यक कर दिया है । जहां राज्यपाल की स्वीकृति के बाद यह नियम लागू हो गया है। वहीं उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को इसे लागू करने के आदेश दे दिए हैं।
उच्च शिक्षा निदेशक गरिमा सिंह ने इसे लेकर सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को पत्र लिखा है। नए परिनियम के मुताबिक, विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में 180 दिन अनिवार्य रूप से शिक्षण कार्य होगा। विश्वविद्यालय और कॉलेज हफ्ते में यदि छह दिन खुले रहते हैं तो साल में 30 हफ्ते अनिवार्य रूप से शिक्षण कार्य कराया जाएगा ।
आठ सप्ताह मिलेंगे नामांकन और परीक्षा के लिए
विश्वविद्यालयों में 12 सप्ताह और कॉलेजों में 10 सप्ताह नामांकन, परीक्षा और परीक्षा की तैयारी के लिए तय किए गए हैं। विश्वविद्यालयों में साल में आठ सप्ताह और कॉलेजों में 10 सप्ताह अवकाश के लिए निश्चित किया गया। इसके साथ ही दो सप्ताह सार्वजनिक छुट्टी रहेगा ।
विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में हफ्ते में पांच दिन की कार्य अवधि होने पर विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में शिक्षण की अवधि बढ़कर 36 हफ्ते की जाएगी। नामांकन और परीक्षा लिए आठ हफ्ते ही मिलेगा। मिलने वाला छुट्टी भी घटकर छह हफ्ते किए जाएंगे ।
शिक्षकों को प्रतिदिन न्यूनतम पांच घंटे बिताने होंगे
नए परिनियम में यह भी प्रविधान किया गया है कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों को प्रतिदिन न्यूनतम पांच घंटे अनिवार्य रूप से बिताने होंगे। शिक्षकों का कार्यभार निर्धारित कर दिया गया है, जिसके तहत उन्हें सप्ताह में न्यूनतम चालीस घंटे विश्वविद्यालय या कॉलेज में देने होंगे।