L19/Ranchi : बीते दिन यानी 19 सितंबर को झामुमो के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने झामुमो कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लोकसभा में पेश महिला आरक्षण बिल 2010 में यूपीए सरकार के कार्यकाल मे राज्यसभा से पारित हुआ था। इस बार केवल इसे नया फ्लेवर दिया गया है। मगर इस बिल का फायदा तब तक नहीं मिल सकता, जब तक नयी जातिगत जनगणना रिपोर्ट नहीं आ जाती। क्योंकि अभी भी देश में 2011 के सेंसस का ही आंकड़ा है। कोरोना के कारण साल 2021 में जनगणना हो नहीं सकी। और आगे इसे सरकार करायेगी या नहीं, ये भी नहीं पता। इसलिये यह बिल लोकसभा चुनाव में दिखावे मात्र के लिये ही होगा। नया बिल पास कराने के लिये राज्यसभा से पारित बिल को पहले केंद्र सरकार को वापस लेना होगा।
झामुमो महासचिव ने कहा कि भाजपा पहले किचन रूम के सामानों का दाम बढ़ा कर महिलाओं को परेशान करती रही, अब चुनाव आने वाला है, इसलिये यह बिल लाकर आधी आबादी को ठगना चाह रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण क्यों दे रही है, जबकि हम तो 50 फीसदी आरक्षण के पक्षधर रहे हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर लग रहे आरोपों पर क्या कहा भट्टाचार्य ने?
सुप्रियो भट्टाचार्य ने हेमंत सोरेन पर लग रहे आरोपों के संबंध में कहा कि जिस मामले में रघुवर दास द्वारा गठित एसआईटी में देवाशीष गुप्ता की कमिटी ने सोरेन परिवार को क्लिन चीट दे दिया है, मगर हाईकोर्ट की ओर से प्रार्थी को फटकार औऱ जुर्माना लगाये जाने के बावजूद वही पेपर का फोटोकॉपी लेकर राज्य एवं देश स्तर पर भ्रम फैलाया जा रहा है। हेमंत सोरेन को इंडिया गठबंधन समन्वय समिति का राष्ट्रीय सदस्य बनाये जाने के बाद से भाजपा बौखला गयी है। इसी वजह से लगातार अलग अलग तरीकों से भ्रम फैलाने का काम किया जा रहा है।
सरकार गठन से लेकर अब तक भ्रम फैलाकर एक आदिवासी मुख्यमंत्री को परेशान करने का काम किया जा रहा है। इसका जवाब आगामी 2024 के चुनाव में दिया जायेगा। भाजपा को जहां जांच कराना हो, करा ले। पर गुजरात के मुंद्रा पोर्ट की भी साथ साथ जांच कराया जाना चाहिये। केवल गैर भाजपाई सरकारों को डरा धमका कर इस तरह के तरीके आजमाना गलत है।