Article: देश भर में नवारात्रि की तैयारी चल रही है देवी माँ को खुश करने के लिए लोग माँ की पूजा-अर्चना में लगे हुए हैं कहीं नये वश्त्र, तो कहीं अनेक प्रकार के भोग चढ़ा रहे हैं ताकि माँ प्रशन्न हो सके,,,,वहीँ दूसरी तरफ देश में कई ऐसी जगहे हैं जहाँ पर अब भी पुरानी सोच और रुड़ी-वादी प्रथायें हैं जिसमें डायन के नाम पर महिलाओं को प्रताड़ित कर जान से मार दिया जाता हैं ,एक तरफ जहाँ स्त्री को देवी मान कर पूजा करते हैं वहीँ दुसरी तरफ उन्हीं महिलाओं को डायन बोल कर जान से मार देतें हैं.
आज हम इस खबर के माध्यम से कुछ ऐसी ही घटना के बारे में बताने जा रहें हैं जिसको सुनकर आप भी सोचने पर विवश हो जायेंगे की क्या सच में आज के इस आधुनिक युग में भी ऐसे लोग रहते हैं जिनकी मानसिकता बिलकुल भी नहीं बदल पाई अब तक ?
दरअसल ,नवरात्रि के दुसरे दिन जहाँ मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जा रही थीं वहीँ उसी दिन चाईबासा के टोंटो में डायन बिसाही के आरोप में गोरबारी लागुरी की हत्या कर दी गई जहाँ वे गाँव की ही महिलाओं के साथ काम कर रही थीं ,तभी सिकन लागुरी और मनु लागुरी आये और डंडे से पीटने लग गये वहीँ नुकीले हथियार से गर्दन और छाती पर वार कर दिया…
जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई, यहाँ तक की आरोपियों ने उनके पति कांडे लागुरी को भी पीटा.. किसी तरह कांडे ने वहां से भागकर अपनी जान तो बचा ली लेकिन अपनी पत्नी गोरबारी लागुरी को नहीं बचा पाया ,बताया जा रहा है की एक सप्ताह पहले गाँव के गालू लागुरी की बेटी की मौत हो गई थी. जहाँ ग्रामीणों ने गोरबारी लागुरी को तंत्र विद्या से उसे मारने का शक जताया था और गोरबारी की हत्या का निर्णय लिया जिसके बाद मौका देखकर शुक्रवार को उसकी हत्या कर दी गई,,,वहीँ इस घटना की सूचना मिलने के बाद आरोपियों को पकड़ लिया गया है..
आखिर आज के इस आधुनिक युग में भी क्यूँ इस तरह से महिलाओं को ‘डायन’ कहा जा रहा है? क्या ये केवल अंधविश्वास है, या उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखने का एक हथियार?
आखिर कैसे अपने ही गांव की एक महिला डायन बन जाती है इन सबके नजर में? झारखंड में डायन के नाम पर हत्याओं का सिलसिला थम ही नहीं रहा ।
हे माँ …इन्हें सोचने की शक्ति दें अधविश्वास में जकड़े इन लोगों ने एक और माँ की हत्या कर दी, इन दिनों हम शक्ति की आराधना कर रहे हैं.
वहीँ, डायन बिसाही के नाम पर महिलाओं की हत्या की जा रही हैं आखिर क्यूँ ?
महिलाएं तो माँ, बहन, बेटी होती हैं ,ये डायन कैसे हो सकती हैं ?
इसके बावजूद महिलाओं को डायन बता कर कभी उनके अपनों द्वारा तो कभी उनके अपने पड़ोसियों के द्वारा शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ना का शिकार बनाया जाता रहा है, खासकर ऐसे मामले में झारखण्ड देश में पहले स्थान पर है.
इसमें रांची ,चाईबासा ,पूर्वी-सिंहभूम ,पलामू ,गुमला, सिमडेगा और खूंटी जिले में सबसे अधिक हत्या हो रही हैं.
2018 से अबतक देखे तो राज्य में हर साल औसतन 30 महिलाएं इस डायन बिसाही के नाम पर मारी जा रही हैं .इस तरह से महिलाओं को डायन बता कर अपमानित करना एक सभ्य समाज के लिए कलंक है,,,
आपका इस पर क्या कहना हैं ? क्या इस तरह महिलाओं को डायन बता कर जान से मार देना एक सभ्य समाज की पहचान हो सकती है ? अपनी प्रतक्रिया हमें कमेंट करके दे सकते हैं तब तक लिए जोहार