L19 DESK : शिबू सोरेन को सरकारी आवास क्यों मिला हुआ है? ये सवाल पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर खुब घूम रहा है. सवाल की शुरुआत तब हुई जब भवन निर्माण विभाग ने आजसू सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो को अपना सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दिया. भवन निर्माण विभाग द्वारा जारी इस आदेश के बाद से ही सोशल मीडिया पर शिबू सोरेन के सरकारी आवास मिलने पर लोग सवाल करने लगे. खैर, सवाल करने वालों को शायद पूरी जानकारी नहीं होगी इसलिए हमने सोचा कि इस पर एक स्टोरी बना दिया जाए ताकि सोशल मीडिया पर कई लोगों के द्वारा किए जा रहे सवालों के जवाब उन्हें मिल जाए.
देखिए, लोगों का सवाल भी सही है, सवाल ये है कि शिबू सोरेन को सरकारी बंगला क्यों मिला है. वो तो विधायक भी नहीं हैं, वर्तमान में वो राज्यसभा सांसद हैं और किसी भी राज्यसभा सांसद को झारखंड में सरकारी बंगला नहीं आवंटित है. लेकिन सोशल मीडिया में सवाल पुछने वाले लोगों या कहिए किसी पार्टी या नेता के समर्थकों को यह मालूम नहीं है कि झारखंड में सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को रांची के रिहायशी इलाकों में सरकारी आवास आवंटित किए गए हैं. शिबू सोरेन को ये सुविधा पूर्व मुख्यमंत्री के बजाय झारखंड आंदोलनकारी के नाते दी गई है. चार एकड़ क्षेत्रफल वाला ये आवास उन्हें आजीवन काल के लिए आवंटित किया गया है. वे अपनी पत्नी के साथ यहीं रहते हैं. खैर, रहने दीजिए अब हमको लगता है कि सोशल मीडिया पर लोग कम से कम ये सवाल तो नहीं पूछेंगे कि शिबु सोरेन को सरकारी बंगला क्यों मिला है. यहां एक बात और साफ कर देना जरूरी है झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों की सूची में अर्जुन मुंडा, रघुवर दास और मधु कोड़ा ऐसे नाम हैं जिनके पास फिलहाल कोई पद नहीं है बावजूद उन्हें रांची में सरकारी बंगला आवंटित है. इसलिए क्योंकि झारखंड के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास आवंटित किए गए हैं.
बहरहाल, झारखंड सरकार ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन उर्फ गुरुजी के रांची स्थित सरकारी आवास को हेरिटेज भवन के रूप में भी विकसित कर रही है. इसके लिए कुल 4 करोड़ 60 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके लिए सरकार के भवन निर्माण विभाग ने टेंडर भी जारी कर दिया है. आपको बता दें कि शिबू सोरेन झारखंड अलग राज्य के लिए हुए आंदोलन के अग्रणी नेता रहे हैं. वो अल्प अवधि के लिए 2 बार झारखंड के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. फिलहाल पार्टी के अध्यक्ष और राज्यसभा के सांसद हैं. वो झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता भी हैं. शिबू सोरेन ने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत सूदखोरी और महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन के साथ की थी. आदिवासियों को उन्होंने शोषण और अत्याचार के खिलाफ एकजुट किया. बाद में उन्होंने अलग झारखंड की लड़ाई के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा बनाई. उनकी अगुवाई में झारखंड अलग राज्य के लिए वर्षों आंदोलन चला. वो कई बार सांसद चुने गए, केंद्र में मंत्री भी रहे. उन्हें आदिवासियों ने ‘दिशोम गुरु’ की उपाधि दे रखी है. पूरे राज्य में उन्हें गुरुजी के नाम से जाना जाता है. खैर, सोशल मीडिया पर सवाल कर लोगों को अब लगभग ये बात क्लेयर हो गई होगी कि आखिर शिबु सोरेन को रांची में सरकारी बंगला क्यों मिला हुआ है.