L19 DESK : टाइगर अनिल महतो की हत्या रांची के कांके थाना क्षेत्र स्थित एक 10 एकड़ जमीन की वजह से हुई है. हत्या का मास्टरमाइड बिल्डर देवव्रत नाथ शाहदेव है. वहीं, अनिल महतो के हत्या की सुपारी देवव्रत नाथ शाहदेव ने अभिषेक उर्फ सूरज सिन्हा को दो लाख रुपए में दी. फिर सूरज सिन्हा ने दो शूटर रोहित वर्मा और अमन सिंह को 50-50 हजार रुपए में हत्या का जिम्मा सौंपा और फिर दोनों ने अनिल महतो के दिनचर्या की रेकी की और फिर कांके में गोली मारकर हत्या कर दी. लेकिन इस हत्या के पीछे की पूरी कहानी और हत्या करने की योजना कहां, कैसे और कब बनी पुलिस ने प्रेस कांफ्रेस कर बताया. शूटरों ने इससे पहले भी अनिल महतो की हत्या करने की कोशिश की लेकिन दोनों शूटरों में आपसी अनबन की वजह से उनपर गोली नहीं चलाया गया.. अब हत्या के पीछे की पूरी कहानी बताते हैं जो बीते कल यानी 10 अप्रैल को रांची के डीआईजी सह एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने प्रेस कांफ्रेस कर दी.
एसएसपी ने बताया कि टाइगर अनिल महतो और बिल्डर देवव्रत नाथ शाहदेव के बीच कांके थाना क्षेत्र स्थित चामगुरु के एक 10 एकड़ जमीन को लेकर वर्षों से विवाद चल रहा था. दरअसल, उस 10 एकड़ जमीन पर देवव्रत कब्जा करना चाहता था, लेकिन ग्रामीणों के द्वारा देवव्रत का विरोध किया जा रहा था. और टाइगर अनिल महतो ग्रामीणों के साथ मिलकर देवव्रत का विरोध कर रहे थे यानी देवव्रत के विरोध में वो ग्रामीण का साथ दे रहे थे. बिल्डर का कहना था कि वो 10 एकड़ का जमीन उसका है लेकिन अनिल महतो उस जमीन पर देवव्रत का कब्जा नहीं होने दे रहे थे. इस जमीन विवाद को खत्म करने के लिए अनिल महतो और देवव्रत के बीच कई बार बैठक भी हुई लेकिन बातचीत में विवाद का कोई हल नहीं निकला.
बहरहाल, विरोध के बीच ही बिल्डर देवव्रत ने साल 2023 के अगस्त महीने में उस 10 एकड़ जमीन पर चहारदीवारी का निर्माण कराना शुरू कर दिया. चहारदीवारी के निर्माण का भी अनिल महतो के द्वारा विरोध किया गया. तब जाकर बिल्डर देवव्रत नाथ शाहदेव ने विवादित भूमि के केयर टेकर दिलीप कुमार मुंडा के माध्यम से कांके थाना में अनिल महतो सहित 08 नामजद और 40-50 अन्य के विरुद्ध मारपीट, तोड़फोड़ करने और रंगदारी की मांग करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराया गया. एफआईआर दर्ज कराने के बाद भी बिल्डर की ओर से कई बार उस विवादित जमीन पर अपना कब्जा और जमीन की बिक्री करने की कोशिश की गई लेकिन अनिल महतो की वजह से देवव्रत ना तो जमीन पर अपना कब्जा जमा पा रहा था और ना ही वो उस जमीन को बेचने में कामयाब हो पा रहा था. ऐसे में इस विवाद के समाधान के लिए अनिल महतो और देवव्रत नाथ शाहदेव के बीच एक बैठक रखी गई ताकि बातचीत से इस मसले का हल निकल सके और किसी समझौते पर बात बने. इसके लिए हरमू निवासी विनोद पासवान के घर में साल 2023 के दिसंबर महीने में बैठक रखी गई. बैठक में अनिल महतो ने देवव्रत नाथ शाहदेव से 4. 5 करोड़ रुपए की मांग, प्रति डिसमिल 50 हजार रुपए के दर पर की और फिर टाअगर ने कहा कि इसके बात स्थानीय लोग, जोतकार कोई आपका विरोध नहीं करेगा. लेकिन देवव्रत और अनिल महतो के बीच समझौता नहीं हुआ, बल्कि इस बैठक के दौरान कई बार दोनों में कहासुनी भी हुई, नौबत यहां तक आ गई कि बैठक के दौरान देवव्रत ने अनिल महतो को धमकी तक दी और पिस्टल तक तान दी. जिसके परिणामस्वरूप बैठक का कोई फल नहीं निकला और समझौता नहीं सका.
इस बैठक के बाद भी कोई फायदा नहीं होते देख देवव्रत नाथ शाहदेव ने अनिल महतो की हत्या की साजिश रची. देवव्रत शाहदेव को लगा कि अनिल महतो के जिंदा रहते वो विवादित जमीन पर कब्जा नहीं कर सकता है. जिसके बाद उसने अनिल महतो की हत्या की साजिश रची. अनिल की हत्या कराने के लिए देवव्रत ने अपराधी सूरज सिन्हा से संपर्क साधा और उसे अनिल की हत्या की सुपारी दी. हत्या की सुपारी मिलते ही सूरज सिन्हा ने कोलकाता में बैठकर हत्या की पूरी प्लानिंग बनाई. फिर कोलकाता के ही एक होटल में सूरज ने दोनों शूटरों अमन सिंह और रोहित वर्मा को बुलाया और अनिल की तस्वीरों के साथ-साथ उसकी हर तरह की जानकारी शूटरों से साझा की.
सारी जानकारी मिलने के बाद दोनों शूटर 18 मार्च को कोलकाता से रांची पहुंचे. और कांटाटोली स्थित एख होटल में रूम लेकर रूक गए. घटना को अंजाम देने के लिए अपराधियों में टेलीग्राम, व्हाटसअप के माध्यम से एक दूसरे के संपर्क में थे. वहीं, अपराधी सूरज सिन्हा ने शूटरों को हत्या की पहली किस्त फोन पे के जरिए 50 हजार रुपए भेजी. शूटरों ने कई दिनों तक अनिल महतो की रेकी की. वहीं, घटना के दिन यानी 26 मार्च को अनिल महतो दोपहर में जब सदर स्थित अपने आवास से निकले तो बाइक से शूटर रोहित वर्मा ने उसका पीछा किया और इसकी सूचना दूसरे शूटर अमन सिंह को दी. सदर से लेकर कांके तक पहुंचने के दौरान दोनों शूटरों को कई बार अनिल टाइगर पर गोली चलाने का मौका भी हाथ लगा था, लेकिन वह रास्ते में गोली नहीं चला पाए. जिसके बाद अनिल महतो जब कांके स्थित एक होटल में जाकर बैठे और अपने मोबाइल पर कुछ कर रहे थे तब शूटर होटल में खाना खाने के बहाने से पहुंचे और अमन ने अपने बैग से पिस्टल निकाला और अनिल की मौके पर ही मौत हो गई. जिसके बाद पुलिस ने एक हत्यारा रोहित वर्मा को गिरफ्तार कर लिया. वहीं, दूसरा शूटर अमन सिंह फरार होने में कामयाब हो गया. अमन हत्या करने के बाद अपने होटल पहुंचा और फिर ट्रेन में बैठकर कोलकाता फरार हो गया. जिसके बाद टेक्निकल सेल की मदद से अमन को गिरफ्तार किया गया. हालांकि, हत्याकांड का मास्टरमाइंड देवव्रत नाथ शाहदेव फिलहाल पुलिस की पकड़ से बाहर है. वहीं, हत्या का सुपारी लेने वाला सूरज सिन्हा भी फिलहाल फरार है. हालांकि, पुलिस दावा कर रही है कि दोनों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.