L19 Desk/Govind Toppo : हेमंत सोरेन सरकार के मंत्रिपरिषद का विस्तार कल हो जाना है। कांग्रेस, JMM और RJD ने तकरीबन मंत्रियों के नाम तय कर लिए हैं। आज शाम या कल सुबह सीएम हेमंत सोरेन नामों को राजभवन भेज देंगे। मंत्रियों के शपथ के साथ प्रोटेम स्पीकर के रूप में स्टीफन मरांडी भी शपथ ग्रहण करेंगे। झारखंड विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में स्टीफन मरांडी लगातार तीसरी बार शपथ लेंगे। इससे पहले भी वे दो बार प्रोटेम स्पीकर रह चुके हैं।
क्या होता है प्रो-टेम स्पीकर?
प्रो-टेम स्पीकर का हिन्दी अर्थ होता है अस्थायी अध्यक्ष। भारतीय संविधान में ‘प्रो-टेम स्पीकर’ शब्द का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है। प्रो-टेम स्पीकर संसद या राज्य विधानसभाओं में कार्यवाही संचालित करने के लिए सीमित समय के लिए नियुक्त किया गया एक अस्थायी अध्यक्ष होता है। प्रो-टेम स्पीकर को नई विधान सभा की पहली बैठक के लिए चुना जाता है, जहाँ अध्यक्ष का चुनाव होना बाकी है। प्रो-टेम स्पीकर सभी नवनिर्वाचित सांसदों/विधायकों को शपथ दिलवाते हैं साथ ही लोकसभा/विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव इन्हीं की देखरेख में होता है।
स्टीफन मरांडी तीसरी बार बनेंगे प्रो-टेम स्पीकर
झारखंड में अभी तक 10 बार प्रो-टेम स्पीकर का चयन हुआ है। विशेश्वर खां 18 नवंबर 2000 से 22 नवंबर 2000 तक पहले प्रो-टेम स्पीकर चुने गये थे। फिर विशेश्वर खां 02 जून 2004 से 04 जून 2004 और पुन: विशेश्वर खां को 14 अगस्त 2004 से 18 अगस्त 2004 तक प्रोटेम स्पीकर चुना गया। प्रदीप कुमार बलमुचु 07 मार्च 2005 से 11 मार्च 2005, कड़िया मुंडा 12 मार्च 2005 से 13 मार्च 2005, प्रदीप कुमार बलमुचु 18 सितंबर 2006 से 20 अक्टूबर 2006, टेकलाल महतो 02 जनवरी 2010 से 06 जनवरी 2010, साइमन मरांडी 21 जुलाई 2013 से 25 जुलाई 2013, स्टीफन मरांडी 02 जनवरी 2015 से 07 जनवरी 201, स्टीफन मरांडी 31 दिसंबर 2019 से 07 जनवरी 2020 और फिर से यानी तीसरी बार झामुमो के वरिष्ठ नेता सह महेशपुर विधानसभा सीट से निर्वाचित विधायक स्टीफन मरांडी झारखंड विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर (अस्थायी अध्यक्ष) होंगे।अबतक सबसे अधिक तीन बार विशेश्वर खां लगातार प्रोटेम स्पीकर रहे हैं।