L19 DESK : कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है, इस दिन शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं। करवा चौथ का व्रत पूरे दिन निर्जला रखा जाता है और रात में चांद का देखने के बाद व्रत तोड़ा जाता है। करवा चौथ के दिन शादीशुदा महिलाएं 16 श्रृंगार करती है।
इस साल करवा चौथ का व्रत 1 नंवबर 2023 दिन बुधवार को है। शादीशुदा महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत बेहद खास होता है। इस दिन महिलाएं रात में चांद निकलने के बाद चांद की पूजा कर जल देकर और अपने पति का मुख छलनी से देखकर अपना व्रत खोलती है। सुहागिन महिलाएं इस दिन सुखी वैवाहिक जीवन के लिए पूरी निष्ठा के साथ दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं।रात में चंद्रमा की पूजा कर पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत का पारण करती हैं।
कब है पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
करवा चौथ की तिथि 31 अक्टूबर 2023 दिन मंगलवार की रात्रि 9 बजकर 30 मिनट से शुरू हो जाएगी। वहीं 1 नवंबर को चंद्र दर्शन के बाद रात 9 बजकर 10 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।पूजा का शुभ समय 01 नवंबर शाम 5 बजकर 54 मिनट से लेकर 7 बजकर 02 मिनट तक रहेगा। चंद्रोदय का समय 1 नवंबर रात 8 बजकर 26 मिनट पर रहेगा।
क्या है करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के जीवन में बहुत महत्व रखता है, ये व्रत शादीशुदा महिलाओं के दांपत्य जीवन में खुशियां भरता है। इस दिन सास अपनी बहू को सरगी देती है।जिससे सुबह सूर्योदय से पहले खाया जाता है। करवा चौथ के व्रत में सरगी का बहुत महत्व है। इसके बिना करवा चौथ का व्रत पूरा नहीं माना जाता है।