L19 Desk : मानव तस्करी का शिकार हुए झारखंड के 25 नाबालिग बच्चों को वापस अपने राज्य लाकर उनका पुनर्वास किया जा रहा है। इन बच्चों की उम्र 12 वर्ष से लेकर 17 वर्ष के बीच है। इनमें से ज्यादतर बच्चियों को एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र द्वारा दिल्ली पुलिस एवं स्थानीय NGO के सहयोग से दिल्ली एवं दिल्ली से सम्बंधित राज्यों के विभिन्न स्थानों से रेस्क्यू किया गया है। बच्चों का पुनर्वास महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र, नई दिल्ली द्वारा किया जा रहा है।
एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र, नई दिल्ली की नोडल ऑफिसर ने जानकारी दी कि साहेबगंज जिले के दो मानव तस्कर पूनम मरांडी और ईश्वर तुरी को पकड़ने के दौरान बच्चों के शिकार होने का पता चला। उनकी निशानदेही पर बच्चों से सम्बंधित सूचना के आधार पर सभी बच्चों को रेस्क्यू कर लिया गया। ये बच्चे गुरुवार 27 मार्च को सुरक्षित CDPO खूंटी अल्ताफ खान एवं साहेबगंज की CDPO पूनम कुमारी के नेतृत्व में रांची आ रहे हैं। इन रेस्क्यू किए गए बच्चियों की काउंसलिंग की जाएगी एवं उनके घर का एड्रेस निकाला जाएगा और संबंधित जिले के CDPO के माध्यम से बच्चों का होम वेरिफिकेशन कराया जाएगा फिर इन बच्चों को साहिबगंज, गोड्डा, खूँटी,जिले के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी द्वारा पुनर्वासित किया जाएगा।
आपको बता दें कि एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र, झारखंड भवन नई दिल्ली का एक अभिन्न अंग है जिसे महिला एवं बाल विकास विभाग झारखंड सरकार द्वारा संचालित किया जाता है। यह सारी कार्यवाही झारखंड भवन के स्थानिक आयुक्त अरवा राजकमल के निर्देश पर की गयी है।
गौरतलब है, तस्करी के शिकार सैकड़ों बच्चों को झारखंड में अब तक पुनर्वासित किया जा चुका है। साथ ही उन्हें झारखंड सरकार के कई योजनाओं का लाभ भी दिया जा रहा है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव मनोज कुमार एवं निर्देशक किरण कुमारी पासी द्वारा सभी जिलों के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एवं जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी को आदेश दिया गया है कि ऐसे मामले के संज्ञान में आते ही तुरंत ही टीम बनाकर नई दिल्ली रवाना किया जाए। अग्रतर कार्यवाही करते हुए बच्चों को सुरक्षित तरीके से उनके घरों में पुनर्वासित करते हुए झारखंड सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का उन्हें लाभ दिया जाए। साथ ही इन बच्चों की सतत निगरानी भी की जाए।