L19 DESK : प्रकृति की गोद में बसा झारखंड, खनिजों से भरपूर और सांस्कृतिक विविधता से सजा एक अद्भुत प्रदेश. यहां की पारंपरिक कला, लोक संस्कृति और आदिवासी विरासत न केवल देश बल्कि विदेशों में भी अपनी अलग पहचान बना रहा है. झारखंड की लोक कलाएं जैसे ‘सोहराई’ और ‘पत्थर कला’ निवेश और प्रशिक्षण के ज़रिए विश्व बाज़ार तक पहुंच सकती हैं, बस जरूरत है सरकार की ओर से सकार्तमक पहल और सरकारी मदद की.
झारखंड राज्य के पर्यटन, कला एवं संस्कृति मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू इस पर लगातार काम भी कर रहे हैं. फिर चाहे बिहार जाकर राजगीर में बने ग्लास ब्रीज का निरीक्षण करना हो, या झारखंड पर्यटन विभाग और स्काई हाई इंडिया के संयुक्त प्रयास से जमशेदपुर में पहली बार स्काई डाइविंग फेस्टिवल का आयोजन करना हो, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए झारखंड के एंफुलेंसरर्श को सम्मानित करना उन्हें राज्य के पर्यटन स्थलों के बारे में बताने के लिए प्रोत्साहन राशि देना तथा फिल्म जगत से जुड़े लोगों से मुलाकात कर, सिनेमा में झारखंड की संभावनाओं पर बात करना ऐसे कई और काम है जो वर्तमान सरकार और पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू लगातार कर रहे हैं.
इसी कड़ी में पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने 9 अप्रैल, 2025 को पसिद्ध फिल्म निर्माता प्रकाश झा से भी मुलाकात की. इस मुलाकात में झारखंड के पर्यटन, कला और संभावित निवेश पर चर्चा हुई, जिसकी तस्वीर खुद मंत्री ने अपने सोशल मीडिया हेंडल पर शेयर किया है.
दरअसल, झारखंड की एक अपनी अलग परंपरा, रहन सहन, खान पान और हस्तशिल्प की कलाएं हैं. इन्हें बढ़ावा देने की योजनाओं पर अगर सरकार और सकारात्मक पहल कर, युवाओं को इससे जोड़ती है तो ये ना सिर्फ लोगों के बेहतर कमाई का जरिया बन सकता है बल्कि इससे कई नए रोज़गार के द्वार खुल सकते हैं.
झारखंड की खूबसूरती को देखने, घूमने आए सैलानियों से स्थानीय व्यापार को और ज्यादा बल मिल सकता है. अगर, ग्रामीण क्षेत्रों को उनके विशेषताओं के अनुसार प्रमोट किया जाए, तो राज्य की ग्रामीण व्यवस्था भी सुधरेगी तथा उनका आर्थिक स्तर भी आगे जाएगा.
बहरहाल, राज्य में अभी भी कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जहां काफी संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं, जैसे, हूंडरू फॉल, जोन्हा फॉल, दशम फॉल, पारसनाथ पहाड़, डालमा वाइल्डलाइफ सेंचूरी, मैथन डैम, पलामू टाइगर रिजर्व, लोध वाटरफॉल, पतरातू वैले, टैगोर हिल, बेतला नेशनल पार्क, नेतरहाट, पहाड़ी मंदिर, बाबा धाम मंदिर जैसे अनेकों पर्टयन स्थल है, जहां हजारों की संख्या पर्यटक हर दिन आते हैं. लेकिन इन पर्यटन स्थलों को राज्य सरकार और बढ़ावा देने की जरूरत है.
खैर, झारखंड सरकार और पर्यटन मंत्री लगातार इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं. बाकी आपको क्या लगता है कि राज्य सरकार और क्या कर सकती है ताकि राज्य के युवाओं को पर्यटन के जरिए रोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को कैसे मजबूत कर सकती है. इसके अलावा आप कमेंट कर अपने आस-पास के पर्यटन स्थल बारे में भी बता सकते हैं.